अगले चार महीने मेरे लिए होंगे बेहद अहम: श्रीकांत किदांबी
श्रीकांत किदांबी को चोट ने विश्व रैंकिंग में पीछे कर दिया है, अब उनका मिशन बैडमिंटन में अपनी फॉर्म में वापस लौटना और टोक्यो 2020 के लिए क्वालिफाई करना है।
यह कहना गलत नहीं होगा कि साल 2019 श्रीकांत किदांबी के बहुत अच्छा और यादगार नहीं रहा है। महज एक बार वह अपने पूरे अभियान के दौरान मार्च में हुए इंडिया ओपन में फाइनल में जगह बनाने में सफल रहे। जहां वह डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन से हार गए। लगभग तभी से श्रीकांत ज्यादातर घटनाओं में शुरुआती दौर को पार करने के लिए संघर्ष करते हुए दिखाई दिए। इसके साथ ही वह गंभीर चोटों और दर्द से भी जूझ रहे हैं।
ओलंपिक चैनल को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में किदांबी ने कहा, “निश्चित रूप से मुझे लगता है कि पहले कुछ महीने थोड़े बेहतर थे, लेकिन मई के आसपास सूदिरमन कप के दौरान मेरे घुटने में लगी चोट ने मुझे परेशान कर दिया। इसके बाद वास्तव में ठीक होने के बाद मैं बेहतर वापसी नहीं कर सका। उस। मुझे लगता है कि बीते तीन से चार हफ्तों से मैं अच्छा कर पा रहा हूं, इसलिए मैं अगले चार महीनों में बेहतर होने की उम्मीद कर रहा हूं।”
बीते तीन महीने रहे खास
किदांबी अपने साथी भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पारुपल्ली कश्यप को हराकर सैयद मोदी इंटरनेशनल चैंपियनशिप 2019 के क्वार्टर फाइनल चरण में पहुंचे। जिसके बाद वह कोरिया के सोन वान हो से हारकर प्रतियोगिता से बाहर हो गए।
उससे पहले हॉन्ग कॉन्ग ओपन 2019 में, किदांबी ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। जिसमें उन्होंने दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी चेन लोंग को भी मात दी।
किदांबी ने बताया कि किस वजह से सकारात्मक बदलाव आया। वह कहते हैं, “मैं निश्चित रूप से बेहतर कदम उठाने में सक्षम था। मुझे लगता है कि वह एक समय था जो निश्चित रूप से मुझे परेशान कर रहा था; विश्व चैंपियनशिप के दौरान और उससे पहले और बाद के कुछ टूर्नामेंट में मैं वास्तव में बेहतर नहीं कर पाया। मेरे घुटने ने मुझे बेहतर करने से रोका और मैं वास्तव में अच्छा नहीं कर सका।”
किदांबी ने मुस्कुराते हुए कहा, “मेरे लिए यह एक बड़ी बात है। इसलिए अगर मैं यहां से सुधार शुरू कर सकता हूं, तो मुझे लगता है कि अगले चार महीने मेरे लिए बहुत बेहतर होंगे।”
किदांबी का बुरा दौर
26 वर्षीय को अपनी चोट के कारण चाइना ओपन और कोरिया ओपन छोड़ना पड़ा। साल 2020 के टोक्यो ओलंपिक के करीब आने के दौरान यह स्थिति 26 वर्षीय इस बैडमिंटन खिलाड़ी के लिए काफी बुरा साबित हुई। वह शीर्ष पर बने रहने के स्थान पर पीछे होते चले गए।
किदांबी बोले, "यह निश्चित रूप से काफी बुरा रहा। चोट से उबरकर लय में वापस लौटना काफी मुश्किल होता है। ओलंपिक वर्ष के करीब होने के नाते यह मेरे लिए और भी बुरा साबित हुआ। लेकिन यही तो खेल और उसका रोमांच है। आपको अपनी खुद की फिटनेस को समझने में सक्षम होना चाहिए और चोट के बाद जल्दी वापसी करते हुए लय में लौटना आना चाहिए।”
उभरते हुए सितारे
जहां एक ओर अर्जुन अवार्ड विजेता चोट के बाद अपनी वापसी के दौर से गुज़र रहे थे, वहीं उनके कुछ साथी खिलाड़ी अपना शानदार प्रदर्शन दिखा रहे थे; विशेष रूप से बी साई प्रणीत और लक्ष्य सेन।
प्रतियोगिताओं के बारे में बात करते हुए किदांबी बोले, “मुझे लगता है कि यह वास्तव में अच्छा है। हमेशा ऐसे खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करना अच्छा लगता है। यह भारतीय बैडमिंटन की ताकत को दर्शाता है।”
टोक्यो 2020 पर होगी नज़र
टोक्यो 2020 की राह भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए फिलहाल थोड़ी मुश्किल है। हालांकि, किदांबी सकारात्मक हैं। वह कहते हैं, “अगले चार महीने मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं, क्योंकि मेरे पास वापसी करने के कई मौके हैं, इसलिए मैं वास्तव में टोक्यो 2020 के लिए योग्य होने की उम्मीद कर रहा हूं।”
"मेरे लिए पिछली बार (2016 रियो ओलंपिक) में बहुत आसान था, क्योंकि मैं शीर्ष 16 रैंकिंग में एकमात्र था। अब साई (प्रणीत) भी शीर्ष 16 में हैं और समीर (वर्मा) भी पिछले साल अधिकांश समय के लिए शीर्ष 16 में थे। फिर अन्य खिलाड़ी भी हैं जो साथ आ रहे हैं और रैंकिंग में ऊपर उठ रहे हैं। इसलिए, अगले चार महीने थोड़े मुश्किल होने जा रहे हैं और वास्तव में सभी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या वह टोक्यो 2020 में जगह बनाने को लेकर उम्मीद रखते हैं तो किदांबी ने फिर मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “हां!”
यदि किदांबी का चोट के बाद का सफर सकारात्मक रहता है, तो निश्चित रूप से उनका यह विश्वास गलत नहीं साबित होगा। गौरतलब है कि एक साल पहले तक उन्होंने विश्व रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया था। ऐसे में किंदाबी का ऐसा सोचना गलत नहीं है। वह फिर से शीर्ष पर पहुंच सकते हैं।