डिएगो माराडोना के निधन की ख़बर से खेल जगत को गहरा आघात

60 वर्षीय इस दिग्गज की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है, दो हफ़्ते पहले उनके सिर में ख़ून जमा होने की वजह से सर्जरी भी हुई थी।

3 मिनटद्वारा सैयद हुसैन
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अर्जेंटीना के दिग्गज फ़ुटबॉल खिलाड़ी डिएगो माराजोना (Diego Maradona) का 60 साल की उम्र में हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया। उनकी मौत की पुष्टि अर्जेंटीना फ़ुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष क्लाॉडियो तापिया (Claudio Tapia) ने की और इस ख़बर पर गहरा शोक जताया।

दो हफ़्ते पहले माराडोना के दिमाग़ में ख़ून जम जाने की वजह से उन्हें सर्जरी से भी गुज़रना पड़ा था। मैदान के इस जादूगर की पिछले कुछ सालों से तबीयत काफ़ी नासाज़ रह रही थी। मिडफ़ील्ड मास्टर को फ़ुटबॉल जगत के सर्वकालिक दिग्गज के तौर पर जाना जाता है।

बाएं पैर से फ़ुटबॉल खेलने वाले माराडोना ने अपनी टीम को 1986 वर्ल्ड कप में करिश्माई जीत दिलाई थी, जहां उनका इंग्लैंड के ख़िलाफ़ किया गया शानदार गोल सभी के ज़ेहन में आज भी ज़िंदा है। क्योंकि उन्होंने 6 डिफ़ेंडरों को अद्भुत अंदाज़ में छकाते हुए गोल दागा था।

उन्होंने नापोली (Napoli) का भी सीरी-ए में नेतृत्व किया था और पहली बार 1987 में ख़िताबी जीत दिलाई थी और फिर 1990 में भी इसे दोहराया था।

मौजूदा समय में माराडोना गिमनासिया डे ला प्लाटा (Gimnasia de La Plata) के मुख्य कोच थे, उन्होंने अर्जेंटीना प्राइमेरा डिविज़न क्लब की ये ज़िम्मेदारी पिछले साल सितंबर में ली थी।

उनके निधन की ख़बर के बाद खेल जगत में शोक की लहर है और सभी अपने अंदाज़ में इस दिग्गज खिलाड़ी को याद कर रहे हैं।

फ़ुटबॉल पर डिएगो माराडोना का प्रभाव

डिएगो अरमांडो माराडोना का जन्म 30 अक्टूबर 1960 को ब्यूनस आयर्स में हुआ था। 1982 वर्ल्ड कप के बाद स्पेनिश दिग्गज टीम बार्सिलोना में जाने से पहले उन्होंने अर्जेंटीना की जूनियर और फिर बोका जूनियर्स के साथ अपनी मातृभूमि में अपना मुक़ाम हासिल किया।

जुलाई 1984 में वह नापोली पहुंचे और एक नायक बन गए, 1987 में उन्होंने पहली बार अपने क्लब को ख़िताबी जीत दिलाई थी। हालांकि समय के साथ साथ माराडोना की ज़िंजगी पर ड्रग्स ने भी बुरा प्रभाव डाला था, जब वह कोकेन का सेवन करने लगे थे।

उन्हें इसके लिए कई बार बैन भी झेलना पड़ा और 1992 में उन्होंने नापोली के साथ अपना क़रार ख़त्म कर लिया था।

डिएगो माराडोना को उनकी अर्जेंटीना की जर्सी के लिए हमेशा याद किया जाएगा जब उन्होंने 1986 वर्ल्ड कप में अपने देश का नेतृत्व किया था। माराडोना ने इसके बाद लियोनेल मेसी (Leonel Messi) जैसे दिग्गज को भी प्रेरित करने का काम किया।

अर्जेंटीना के इस दिग्गज के जाने के बाद खेल जगत को न सिर्फ़ गहरा आघात पहुंचा है, बल्कि ये एक ऐसे युग का अंत जैसा है जिसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता।

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