पीवी सिंधु vs नोज़ोमी ओकुहारा: मौजूदा बैडमिंटन जगत की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विता

पीवी सिंधु और नोज़ोमी ओकुहारा के बीच मुकाबला हमेशा से ही रोमांचक होता आया है। दोनों के बीच हेड-टू-हेड आंकड़े भी काफी क़रीबी रहे हैं।

7 मिनटद्वारा लक्ष्य शर्मा
PV Sindhu vs Nozomi Okuhara at the Rio 2016 Olympics.
(Getty Images)

पीवी सिंधु vs नोज़ोमी ओकुहारा मैच हमेशा से ही कांटे की टक्कर का रहता है। दोनों ही खिलाड़ी बैडमिंटन कोर्ट पर एक दूसरे को कड़ी चुनौती देते हैं।

जापानी शटलर की ऊंचाई जहां करीब 5 फीट है और वह मुश्किल से नेट कॉर्ड तक पहुंच पाती हैं, वहीं भारतीय स्टार उनसे करीब एक फीट लंबी है।

पीवी सिंधु ने अपने खेल को ज़बरदस्त शक्ति से शटल को स्मैश करने करने के साथ ख़ास बनाया है तो वहीं नोज़ोमी ओकुहारा के पास कोर्ट को कवर करने की ज़बरदस्त काबिलियत है।

इसके बावजूद इन दोनों में कई बातें एक जैसी हैं।

दोनों बैडमिंटन सितारों ने ओलंपिक खेल के अलावा विश्व चैंपियनशिप में भी कई पदक जीते हैं। ग़ौरतलब है कि दोनों खिलाड़ियों का जन्म सिर्फ चार महीने के अंतराल में हुआ है।

बड़ी बात ये है कि दोनों ही खिलाड़ी इस समय विश्व बैडमिंटन का बड़ा नाम है और जब ये खिलाड़ी एक दूसरे के ख़िलाफ़ खेलते हैं तो मैच बेहद रोमांचक होता है।

बैडमिंटन के इन दोनों दिग्गज खिलाड़ियों ने अपने करियर में अब तक 19 बार एक-दूसरे का सामना किया है, जहां पीवी सिंधु हेड-टू-हेड आंकड़ों में अपनी जापानी प्रतिद्वंदी के ख़िलाफ़ 10-9 से आगे हैं। हालांकि, प्रशंसकों के लिए यह तय करना बेहद मुश्किल है कि कौन बेहतर शटलर है।

पीवी सिंधु कहना है कि "जब भी हम एक दूसरे के ख़िलाफ़ खेलते हैं तो वह एक नया मैच होता है। मैं पिछले मैचों के बारे में नहीं सोचती और हर मैच को नए नज़रिए से देखती हूं।"

बैडमिंटन के खेल में अधिकांश महान प्रतिद्वंद्वियों की तरह पीवी सिंधु vs नोजोमी ओकुहारा के राइवलरी की रोमांचक कहानी भी जूनियर स्तर पर ही शुरू हो गई थी।

पीवी सिंधु vs नोज़ोमी ओकुहारा: शुरुआत

इन दोनों खिलाड़ियों की पहली भिड़ंत साल 2012 में कोरिया में आयोजित एशिया यूथ अंडर-19 चैंपियनशिप के फाइनल में हुई थी। इस मुकाबले को देख फैंस को समझ आ गया था कि आगे चलकर इन दोनों के बीच प्रतिस्पर्धा कैसी होने वाली है। वह मैच तीन गेम तक चला था।

उस समय दोनों खिलाड़ियों की उम्र 17 साल थी। पहला गेम ओकुहारा ने जीता था तो वहीं दूसरे गेम में पीवी सिंधु ने जबरदस्त वापसी की थी। तीसरे और निर्णायक गेम में भारत की स्टार शटलर के पास 19-16 की बढ़त थी, लेकिन जापान की बैडमिंटन खिलाड़ी लगातार 4 अंक लेकर जीत के करीब पहुंच गईं। 

हालांकि, सिंधु ने दबाव के पलों में खुद को शांत रखा और तीन अंक अपने नाम कर 18-21, 21-17, 22-20 से मुक़ाबले को अपने नाम कर लिया। अपने जन्मदिन के दो दिन गुजरने के बाद यह पीवी सिंधु को ख़ुद को दिया गया शानदार तोहफा था। 

इसके बाद दोनों की टक्कर सीनियर लेवल पर हुई। दोनों खिलाड़ी साल 2014 में हांगकांग ओपन में फिर एक दूसरे के ख़िलाफ़ खेल रहे थे, जहां ओकुहारा ने बाजी मारी थी। यह मैच भी तीन गेम तक चला था।

अगले दो मैच में भी यही कहानी दोहराई गई क्योंकि जापानी शटलर को अपने अविश्वसनीय सहनशक्ति और स्टेमिना की बदौलत निर्णायक गेम में अपना वर्चस्व बनाए रखा।

पीवी सिंधु vs नोज़ोमी ओकुहारा: 2016 रियो ओलंपिक

2016 रियो ओलंपिक खेल के सेमी-फाइनल में दोनों खिलाड़ी 5वीं बार एक दूसरे के आमने-सामने थीं।

दोनों 21 वर्षीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए यह पहला ओलंपिक था। पीवी सिंधु ने इस बड़े मौके को हाथ से जाने नहीं दिया और शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की।

जैसा कि पिछले तीन वर्षों से होता आ रहा था, मुकाबला काफी रोमांचक रहा और दोनों शटलर नियमित रूप से अंक हासिल करते रहे। लेकिन, पीवी सिंधु की प्रतिद्वंदी ने एक स्मैश किया जो कि नेट से जाकर टकरा गया और भारतीय खिलाड़ी को जीत मिली। 

दूसरे गेम में नोज़ोमी ओकुहारा की ओर से कई अप्रत्याशित गलतियां देखने को मिलीं, जिसने भारतीय बैडमिंटन स्टार के लिए मुक़ाबले को आसान बना दिया। उन्होंने शटल को कोर्ट के अंदर रखने पर ध्यान केंद्रित किया और अंततः एक स्मैश लगाकर 21-19, 21-10 से मैच को अपने नाम कर सेमी-फाइनल में जगह बना ली।

यह पहली बार था, जब पीवी सिंधु ने नोज़ोमी ओकुहारा को सीधे गेम में हराया था। उनकी यह जीत इसलिए भी ख़ास थी क्योंकि ओकुहारा ने उसी साल ऑल इंग्लैंड ओपन का ख़िताब जीता था।

पीवी सिंधु ने फाइनल तक का सफर तय किया और अंततः ओलंपिक खेल में रजत पदक जीतकर ख़ुद को भारतीय बैडमिंटन के नए स्टार के रूप में स्थापित किया। वहीं, नोज़ोमी ओकुहारा ने भी अपने डेब्यू ओलंपिक में कांस्य पदक हासिल किया।

पीवी सिंधु vs नोज़ोमी ओकुहारा: वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइनल

एक साल बाद सिंधु-ओकुहारा की कहानी का सबसे प्रसिद्ध अध्याय लिखा गया। इसमें कोई दोराय नहीं है कि यह बैडमिंटन खेल इतिहास के सबसे शानदार पलो में से एक था।

स्कॉटलैंड के ग्लासगो में स्थित अमीरात एरिना में एक ऐसा मुकाबला खेला गया, जो सहनशक्ति और मानसिक शक्ति का एक जबरदस्त उदाहरण था। ये मुकाबला करीब दो घंटे तक चला और नोज़ोमी ओकुहारा BWF चैंपियनशिप फाइनल से एक विजेता बनकर कोर्ट से बाहर आईं।

दोनों ही खिलाड़ी अपनी पूरी ताकत के साथ खेली लेकिन ओकुहारा अपनी जीत के लय में थीं और सबकी पसंदीदा भी बन चुकी थीं क्योंकि ओकुहारा ने दो ओलंपिक पदक विजेता कैरोलिना मारिन और साइना नेहवाल को मात देकर फाइनल में जगह बनाई थी, जहां उन्होंने एक और ओलंपिक पदक विजेता को शिकस्त दी।

पीवी सिंधु ने तीनों गेम में अपनी जापानी प्रतिद्वंदी को कड़ी टक्कर दी और दोनों के बीच एक-एक अंक के लिए कांटे की टक्कर देखने को मिली। किसी भी गेम में कोई भी खिलाड़ी दो अंकों से अधिक के अंतर से नहीं जीता और मैच के दौरान कई बार सिंधु ने यह साबित किया कि उनके पास स्टेमिना की कमी है।

दोनों ही खिलाड़ियो के बीच 73 शॉट रैली खेली गई, जो महिला बैडमिंटन में अब तक कीसबसे बड़ी रैली है। इस दौरान दोनों ही खिलाड़ी थक कर कोर्ट पर बैठ गईं।

पीवी सिंधु ने मैच के बाद ESPN से बातचीत में कहा था, "यह मैच कोई भी जीत सकता था। हालांकि, हारना दुखद होता है। लेकिन आप इस तरह के मैच के अंत में कुछ नहीं कह सकते। हर अंक के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही थी और हम दोनों ही अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश कर रहे थे।"

अंततः अपने दो विश्व चैंपियनशिप पदक में से पहला पदक जीतने के लिए जापानी खिलाड़ी ने पीवी सिंधु को मात दी। हालांकि, दो साल बाद पीवी सिंधु ने उन्हें स्वर्ण पदक जीतने से रोक दिया। 

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी के लिए सबसे बड़ा क्षण तब आया, जब दुनिया की तत्कालीन नंबर 6 खिलाड़ी ने वर्ल्ड चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला सिर्फ 38 मिनट में 21-7, 21-7 से जीत लिया। इसी के साथ वह BWF ख़िताब जीतने वाली पहली भारतीय बनीं।

पीवी सिंधु vs नोज़ोमी ओकुहारा: अन्य मुक़ाबले

साल 2019 से पहले दोनो खिलाड़ियों ने इंडोनेशिया ओपन और सिंगापुर ओपन में दो बार एक-दूसरे का सामना किया। दोनों ही खिलाड़ी ने 1-1 खिताब अपने नाम किया।

पीवी सिंधु ने 2018 में BWF वर्ल्ड टूर फाइनल में ओकुहारा को हराते हुए खिताब जीता था। इससे पहले उसी साल भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ने ऑल इंग्लैंड ओपन और BWF विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर-फाइनल में भी जापानी विरोधी को शिकस्त दी थी।

मार्च में 2020 ऑल इंग्लैंड ओपन में दोनों के बीच एक बार से घमासान हुआ, जहां नोज़ोमी ओकुहारा ने अपनी भारतीय प्रतिद्वंद्वी के ख़िलाफ़ पिछले दो मैच हारने के बाद वापसी करते हुए 12-21, 21-15, 21-13 से जीत हासिल की।

साल 2020 के बाद इस जोड़ी को दोबारा आमने-सामने होने के लिए तीन साल का इंतजार करना पड़ा।

डेनमार्क के कोपेनहेगन में आयोजित BWF विश्व चैंपियनशिप 2023 में, नोज़ोमी ओकुहारा ने दूसरे दौर में पीवी सिंधु को सीधे गेम में हराकर 9 जीत के साथ हेड-टू-रिकॉर्ड को बराबर कर लिया।

भारतीय शटलर ने फिनलैंड के वांटा में आयोजित BWF सुपर 500 टूर्नामेंट - आर्कटिक ओपन बैडमिंटन 2023 के पहले राउंड में अपनी चिर-प्रतिद्वंदी को 21-13, 21-6 से शिकस्त दी थी।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि राइवलरी की इस कहानी में एक्शन से भरे कई और अध्याय लिखे जाने अभी बाकी हैं।

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