पीवी सिंधु और कैरोलिना मारिन एक ही खेल को दो बड़ी खिलाड़ी हैं।
पीवी सिंधु एक लंबी, शक्तिशाली, दाएं हाथ की शटलर हैं, जो अक्सर कोर्ट पर शांत देखी जाती हैं। वो अंक जीते या हारें, अपने हाव-भाव को ज्यादा दिखाती नहीं हैं। निस्संदेह वो भारतीय बैडमिंटन की सबसे बड़ी स्टार हैं।
जबकि कैरोलिना मारिन, पीवी सिंधु की तुलना में कद थोड़ी छोटी हैं, वो अपने पसंदीदा बाएं हाथ से शॉट को पूरी ताकत के साथ खेलती हैं और बैडमिंटन कोर्ट पर सबसे अधिक हाव-भाव प्रकट करने वाली खिलाड़ियों में से एक हैं, जो हर अंक जीतने के बाद खुशी में चिल्लाती हैं। यही नहीं मारिन इतिहास में स्पेन की सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ी भी हैं।
दोनों के अंदर हमेशा जीत की भूख देखने को मिलती है। इन दोनों विश्व चैंपियन खिलाड़ियों ने अपने दिमाग और शरीर को उच्च स्तर के लिए तैयार किया है।
पीवी सिंधु बनाम कैरोलिना मारिन हेड-टू-हेड
सभी मैच: पीवी सिंधु ने 6 और कैरोलिना मारिन ने 12 मैच जीते हैं।
फाइनल में: पीवी सिंधु 1-2 कैरोलिना मारिन
अन्य नॉकआउट मैच: पीवी सिंधु 5-10 कैरोलिना मारिन
दोनों के रिकॉर्ड पर नज़र डाले तो, देखने को मिलेगा कि सिंधु और मारिन के बीच कड़ी प्रतिद्वंद्विता रही है। लेकिन दोनों करीबी दोस्त भी हैं, जो एक-दूसरे के प्रतिस्पर्धा का सम्मान करती हैं।
सिंधु ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया था कि, “मारिन और मैं बहुत अच्छे दोस्त हैं। कोर्ट में, यह पूरी तरह से बदल जाता है, लेकिन कोर्ट से बाहर हमारे बीच अच्छा रिश्ता हैं।”
मारिन ने कहा, “हमने रफ़ाएल नडाल और रोजर फेडरर जैसे दिग्गजों को देखा है, वो बहुत अच्छे दोस्त हैं। इसलिए, प्रतिद्वंद्वियों का कोर्ट से बाहर अच्छा दोस्त होना संभव है, और मुझे लगता है कि सिंधु के साथ मेरी दोस्ती अच्छी है।”
हालांकि अब दोनों अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहती हैं। पीवी सिंधु और कैरोलिना मारिन के बीच की प्रतिद्वंद्विता 10 साल पहले जूनियर स्तर पर शुरू हुई थी।
पीवी सिंधु को मिली थी पहले मैच में जीत
सिंधु और मारिन ने पहली बार मैक्सिको में 2010 BWF विश्व जूनियर चैंपियनशिप में एक-दूसरे का सामना किया, जिसमें प्रतिभाशाली इंडो-स्पेनिश खिलाड़ियों ने पांचवें स्थान के लिए मुकाबला किया। इससे पहले दोनों खिलाड़ियों को क्वार्टर फाइनल में हार मिली थी।
तब तत्कालीन 15 वर्षीय पीवी सिंधु को मारिन के खिलाफ अपने पहले मैच में जीत मिली थी। उन्होंने सीधे गेमों में कैरोलिना मारिन को 21-17, 21-19 से हराया था।
सिंधु और मारिन ने 2011 में मालदीव इंटरनेशनल के तीसरे दौर में एक-दूसरे का मुकाबला किया था, इस बार ये काफी करीबी मुकाबला था।
पीवी सिंधु ने पहले गेम में जीत हासिल की, लेकिन कैरोलिना मारिन ने अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए दूसरे में वापसी की। सिंधु ने फिर निर्णायक गेम में जीत हासिल की और मुकाबला 21-7, 15-21, 21-13 से जीत लिया।
कैरोलिना मारिन की हैट्रिक जीत
सिंधु ने 2014 में फिर से मारिन का सामना किया और मारिन ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन क्वार्टर फाइनल में सीधे गेम में सिंधु को हरा दिया।
कुछ महीने बाद, स्पेनिश सुपरस्टार ने BWF विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में उस प्रदर्शन को दोहराया, जो बाद में पहली बार विश्व चैंपियन बन गईं।
कैरोलिना मारिन ने इसके बाद 2015 के सैयद मोदी इंटरनेशनल के सेमीफाइनल में पीवी सिंधु के खिलाफ जीत की हैट्रिक पूरी की।
भारतीय बैडमिंटन स्टार ने 2015 डेनमार्क ओपन के सेमीफाइनल में मारिन के खिलाफ अपनी हार का सिलसिला तोड़ा, लेकिन जल्द ही एक महीने बाद मारिन हांगकांग ओपन में सिंधु के खिलाफ जीत के रास्ते पर वापस आ गईं।
कैरोलिना मारिन ने अब तक 4-3 की बढ़त बना ली थी।
रियो ओलंपिक का फाइनल मुक़ाबला
अगला मैच शायद दोनों के लिए सबसे संघर्षपूर्ण और महत्वपूर्ण मुक़ाबला था –और वो मैच था 2016 रियो ओलंपिक का फाइनल।
बीस वर्षीय पीवी सिंधु, जो स्ट्रेस फ्रैक्चर से जूझ रही थीं और यहां तक पहुंचने के लिए सभी बाधाओं को पार किया था, उन्होंने अपने सीनियर और ओलंपिक पदक विजेता हमवतन साइना नेहवाल को क्वार्टर-फाइनल से बाहर होते हुए देखा।
ये उन सभी के लिए सबसे बड़ा मंच था। फाइनल मुकाबले में सिंधु अपनी सबसे पुरानी प्रतिद्वंदी कैरोलिना मारिन का सामना करने वाली थीं।
मारिन को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। वो पिछले दो वर्षों में दो बार विश्व चैंपियन बनी थीं और दुनिया में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का स्थान हासिल किया था और बिना कोई गेम हारे उन्होंने फाइनल में प्रवेश किया था।
रियो फाइनल हुआ था कांटे का मुक़ाबला
सिंधु ने पहले गेम में 20-19 से बढ़त बना ली और 21-19 से जीत दर्ज की।
कैरोलिना मारिन को पता था कि वो अपनी ट्रेडमार्क शैली के साथ वापसी कर सकती हैं। स्पेनिश खिलाड़ी ने मुख्य रूप से सिंधु को हराने के लिए अपने मजबूत फोरहैंड का इस्तेमाल किया, जो क्रॉस-कोर्ट और डाउन-द-लाइन शॉट्स में बेहतर साबित हुआ।
उन्होंने सिंधु के खेल का अनुमान लगाया और भारतीय खिलाड़ी के खिलाफ वापसी करने में सफल रहीं। मारिन ने 21-12 से दूसरा गेम जीतकर मुक़ाबला बराबरी पर ला दिया।
ओलंपिक के फाइनल में पीवी सिंधु बनाम कैरोलिना मारिन का मुक़ाबला और रोमांचक होता जा रहा था।
दूसरे गेम का असर तीसरे में देखने को मिला। सिंधु ने कुछ आसान अंक गवांए और मारिन ने 9-5 की बढ़त बना ली। लेकिन सिंधु ने लगातार पांच अंक जीतकर स्कोर को 10-10 पर पहुंचा दिया।
कैरोलिना मारिन ने अपनी शैली में खेलते हुए धीरे-धीरे बढ़त (16-14) हासिल की।
मारिन ने शानदार खेल दिखाया और ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रहीं। कैरोलिना मारिन ने फाइनल मुक़ाबले को 19-21, 21-12, 21-15 से जीत लिया।
दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी खुशी में डूब गईं, उनकी आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे, एशियाई वर्चस्व को तोड़ते हुए ओलंपिक का स्वर्ण पदक जीता और ऐसा करने वाली वो पहली यूरोपीय महिला बन गईं।
पीवी सिंधु के लिए भी ये एक ऐतिहासिक पल था, जहां वो ओलंपिक रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी थीं।
मैच के बाद सिंधु ने कहा, "मेरे लिए इसका मतलब है कि ये मेरा पहला ओलंपिक है और मैं रजत पदक विजेता हूं, इसलिए मुझे लगता है कि मैं सातवें आसमान पर हूं।"
"ये एक शानदार खेल था - मारिन ने शानदार खेल दिखाया और मैं उन्हें बधाई देती हूं।"
दोनों के बीच जारी रही प्रतिद्वंदिता
सिंधु और मारिन का साल 2016 के अंत में दुबई वर्ल्ड सुपर सीरीज़ फ़ाइनल के ग्रुप चरणों में सामना हुआ, जहां भारतीय बैडमिंटन स्टार 21-17, 21-13 से जीत दर्ज करने में सफल रहीं।
रियो 2016 की फाइनलिस्ट, 2017 में इंडिया ओपन के फाइनल में फिर से आमने सामने हुए, जहां सिंधु ने 21-19, 21-16 से जीत दर्ज की।
इसके बाद से पीवी सिंधु और कैरोलिना मारिन के बीच 7 मुकाबले खेले गए हैं, जहां मारिन को 6 में जीत मिली है, जिसमें 2018 BWF विश्व चैंपियनशिप फाइनल भी शामिल है।
सिंधु ने फाइनल के बाद कहा, "कैरोलिना के पास गति है और वो बहुत आक्रामक है, मुझे लगता है कि कुल मिलाकर, उन्होंने बहुत बेहतर खेला। अगर मैं पहला गेम जीत जाती, तो यो मैच का परिणाम अलग होता। मैं बस ये कह सकती हूं कि आज मेरा दिन नहीं था। "
कैरोलिना मारिन ने अपने पिछले पांच मुकाबलों में जीत हासिल की है। स्पेन की शटलर ने स्विस ओपन 2021 में 21-12, 21-5 से मैच जीतकर सुपर 300 का खिताब अपने नाम किया था। इसके बाद यह जोड़ी मलेशिया ओपन 2023 के शुरुआती राउंड में भिड़ी, जहां मारिन ने सिंधु को 21-12, 10-21, 21-15 से हरा दिया। बता दें सिंधु चोट के कारण पांच महीने बाद प्रतियोगिता में वापसी कर रही थीं।
इसके बाद मारिन ने डेनमार्क ओपन 2023 के सेमीफाइनल में 73 मिनट तक चले मुकाबले में 21-18, 19-21, 21-7 के स्कोर के साथ जीत हासिल की थी।
हाल ही में दोनों शटलरों का सिंगापुर ओपन 2024 के राउंड ऑफ 16 में आमना-सामना हुआ जिसमें मारिन ने 13-21, 21-11, 22-20 से जीत दर्ज की।