पिछले साल अगस्त में बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप के शिखर पर पहुंचने के बाद पीवी सिंधु का 2019 अभियान डगमगाता हुआ नज़र आया। दिसंबर में बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर के फाइनल्स से वह प्रारंभिक दौर में ही बाहर हो गईं, जहां उन्होंने एक डिफेंडिंग चैंपियन के तौर पर हिस्सा लिया था।
सिंधु की क्षमता वाली एक शटलर के लिए इस तरह के उतार-चढ़ाव करियर का एक हिस्सा मात्र है, जो उन्हें और अधिक ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए प्रेरित करते हैं। इस बात की पुष्टि आप इस बात से कर सकते हैं कि विश्व चैंपियनशिप के 2017 और 2018 संस्करणों में मिली असफलता के बाद इस 24 वर्षीय ने दमदार वापसी करते हुए पदक पर दावा किया। इससे पहले वह इस मेडल के लिए खुद को साबित करने में नाकामयाब रहीं।
भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद को भी सिंधु की वापसी की क्षमता पर कोई संदेह नहीं है। ओलंपिक चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि वह बहुत अच्छी खिलाड़ी हैं और खराब फॉर्म से वापसी करने की भी क्षमता रखती हैं। हां, अभी तक परिणाम नहीं आए हैं लेकिन हम इसे बदलने की कोशिश करेंगे। हमें कुछ बदलाव करने की जरूरत है और हम उन्हें जरूर वापस लाएंगे।”
खिताबों पर नज़र
भले ही विश्व चार्ट पर उनकी नंबर छह रैंकिंग उन्हें टोक्यो 2020 बर्थ के लिए आश्वस्त करती है, लेकिन सिंधु अभी भी जुलाई-अगस्त से पहले होने वाले ओलंपिक के अधिकांश इवेंट में हिस्सा लेने का प्रयास करेंगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए सिंधु ने कहा, “हालांकि यह आसान नहीं होगा, इस बार 2020 में हम जनवरी में शुरुआत मलेशिया और इंडोनेशिया के साथ करेंगे और इसके बाद कुछ टूर्नामेंट ओलंपिक क्वालिफिकेशन के लिहाज़ से अहम होंगे। इसलिए आने वाले सभी टूर्नामेंट हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं।”
शानदार प्रदर्शन करना रहेगा लक्ष्य
सिंधु अपनी खामियों को दूर करने और अपनी तकनीक में सुधार करने के लिए इन अवसरों का इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगी। "हम तकनीक और कौशल वर्कआउट पर बहुत काम कर रहे हैं और सब कुछ योजनाबद्ध होगा। ओलंपिक सीज़न में सबकुछ अच्छा रहेगा।”
सिंधु साथी शटलर साइना नेहवाल, साक्षी मलिक और मुक्केबाज़ एमसी मैरी कॉम यह सभी एथलीट पहलवान सुशील कुमार के बाद टोक्यो 2020 में दूसरी भारतीय एथलीट बनने की उम्मीद कर रही हैं, जिन्होंने व्यक्तिगत स्पर्धा में अपने करियर में दो या अधिक ओलंपिक पदक जीतने में सफलता हासिल की है। यदि यह सभी टोक्यो 2020 के लिए क्वालिफाई कर जाते हैं तो यक़ीनन इनकी कोशिश सुशील के रिकॉर्ड को बराबर करने की होगी।.
स्थानीय प्रतियोगिता में शामिल होंगी सिंधु
सिंधु इस दौरान प्रीमियर बैडमिंटन लीग में भी हिस्सा लेंगी, जहां वह एक बार फिर हैदराबाद हंटर्स के लिए खेलेंगी, जिन्होंने उन्हें 77 लाख रुपए में अपनी टीम का हिस्सा बनाया है।
वार्षिक घरेलू लीग का पांचवा सीज़न 20 जनवरी से 9 फरवरी के बीच चलेगा। इसमें नेहवाल, किदाम्बी श्रीकांत, कैरोलिना मारिन और विक्टर एक्सेलसेन जैसे कुछ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने शामिल होने की बजाय अपनी ओलंपिक तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है।
हालांकि सिंधु इस प्रतियोगिता के लिए इंतजार कर रही हैं। वह कहती हैं, "यह मेरे लिए सिर्फ मैचों का एक और सेट है और मैं इसका आनंद लेना चाहती हूं। चूंकि यह भारत में हो रहा है, इसलिए यह प्रशंसकों के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्हें अच्छा लगता है, जब शीर्ष खिलाड़ी घरेलू स्टेडियम में खेलते हैं।”
इस तथ्य के अलावा वह अपनी रैंकिंग को प्रभावित करने के दबाव से मुक्त होकर यह टूर्नामेंट खेल सकती हैं। उन्हें उभरते हुए खिलाड़ियों का सामना करने में भी अच्छा लगता है, “यह युवाओं को प्रोत्साहन प्रदान करेगा और उनमें से बहुत से शीर्ष खिलाड़ियों को सीखने का मौका मिलेगा। युवा खिलाड़ियों के लिए यह एक बड़ा फायदा है और साथ ही एक बड़ा अवसर भी।”
सिंधु अपने 2020 अभियान की शुरुआत मलेशिया मास्टर्स 2020 के साथ करेगी, जो क्वालालंपुर में 7-12 जनवरी के बीच होगा।