लक्ष्य सेन पेरिस ओलंपिक में ऐतिहासिक कांस्य पदक हासिल करने से चूके, मलेशिया के ली जी जिया से मिली हार

द्वारा सतीश त्रिपाठी
2 मिनट|
Lakshya Sen of Team India
फोटो क्रेडिट Getty Images

भारतीय खिलाड़ी लक्ष्य सेन को सोमवार को पेरिस 2024 ओलंपिक में पुरुष एकल में मलेशिया के ली जी जिया के खिलाफ ऐतिहासिक कांस्य पदक मैच में हार मिली।

लक्ष्य सेन बनाम ली जी जिया मुकाबले में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ने धमाकेदार अंदाज़ में मैच की शुरुआत की और महज़ कुछ मिनट में ही 11-5 से लीड बना ली।

बैडमिंटन में सातवें नंबर के खिलाड़ी ली जिया ने लक्ष्य सेन के खिलाफ वापसी करने का प्रयास किया, लेकिन भारतीय शटलर ने बड़ी आसानी से पहले गेम को 21-13 से अपने नाम कर लिया।

वहीं, दूसरे गेम में भी भारतीय खिलाड़ी का आक्रामक अंदाज दिखाई दिया और बिना कोई गलती किए 8-3 से एकतरफा बढ़त बना ली, लेकिन मुकाबला तब और रोमांचक हो गया जब मलेशियाई शटलर ने बेहतरीन वापसी करते हुए 11-8 से अपनी बढ़त बना ली और इसे बरकरार रखते हुए 21-16 से दूसरे गेम को जीत लिया।

ऐसे में लक्ष्य सेन बनाम ली जी जिया मुकाबला निर्णायक गेम में चला गया। जहां मलेशियाई शटलर ने शुरुआत से ही बढ़त बनाए रखी और इस गेम में लक्ष्य सेन को 11-21 से हार मिली। इस तरह भारतीय खिलाड़ी पेरिस 2024 ओलंपिक में अपना ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने में असफल रहे।

आपको बता दें कि दुनिया के 22वें नंबर के खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में अपना पूरा ज़ोर लगाया, लेकिन मौजूदा चैंपियन और विश्व नंबर 2 डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन के खिलाफ 20-22, 14-21 के स्कोर से हार गए।

गैरवरीयता प्राप्त भारतीय खिलाड़ी ने अपने ग्रुप में शीर्ष स्थान हासिल किया था, जिसमें इंडोनेशिया के विश्व नंबर 4 जोनाथन क्रिस्टी के खिलाफ जीत भी शामिल थी।

राउंड ऑफ 16 में सेन ने हमवतन एचएस प्रणॉय को 21-12, 21-6 से हराकर अगले राउंड में जगह बनाई थी। उनकी सबसे मुश्किल चुनौती चीनी ताइपे के चाउ टीएन-चेन के खिलाफ थी, जहां उन्होंने एक गेम से पिछड़ने के बाद 19-21, 21-15, 21-12 से जीत हासिल की।

गौरतलब है कि लक्ष्य सेन ने ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाने पहले पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बनकर इतिहास रचा है।

लक्ष्य सेन पेरिस 2024 ओलंपिक में बैडमिंटन इवेंट में भारत की तरफ से बची एकमात्र चुनौती थे। इसके अलावा पीवी सिंधु, एसएच प्रणॉय और अन्य बैमडिंटन खिलाड़ी पहले ही हारकर बाहर हो चुके थे।