मीराबाई चानू और भारतीय भारोत्तोलकों की टोक्यो 2020 की उम्मीदों को लगा झटका

एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है, 17-18 मार्च को होने वाली मीटिंग में आगे का फैसला लिया जाएगा।

3 मिनटद्वारा ओलंपिक चैनल
पूर्व विश्व चैंपियन वेटलिफ्टर और खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित मीराबाई चानू को अर्जुन पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया है। 
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मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) की अगुवाई में भारत की भारोत्तोलन दल की 2020 ओलंपिक की उम्मीदों को झटका लगा है, जहां एशियाई वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 16 से 25 अप्रैल तक उज्बेकिस्तान में होनी थी, अब उसे स्थगित कर दिया गया है।

इससे पहले भी इस इवेंट को कजाकिस्तान से मेजबानी लेकर उज्बेकिस्तान को दी गई थी।

भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू (49 किग्रा) के अलावा, भारत ने तीन अन्य महिलाओं और पांच पुरुषों को इस इवेंट में भेजने की योजना बनाई गई थी, उनमें से युवा ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता जेरेमी लालरिननुंगा (Jeremy Lalrinnunga) (67 किग्रा) ने स्वर्ण-स्तरीय ओलंपिक क्वालिफाइंग स्पर्धा में भाग लिया था।

अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने एक बयान में कहा कि, "विश्व भर में कई देशों द्वारा लागू किए गए कोरोना वायरस और यात्रा प्रतिबंधों के वैश्विक प्रसार के कारण, स्थानीय आयोजन समिति ने एशियाई चैंपियनशिप को स्थगित करने का फैसला किया है"।

आगे की संभावनाएं

स्विट्ज़रलैंड के लुसाने में 17-18 मार्च को एक बैठक आयोजित की जानी है, और भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के एक अधिकारी के अनुसार, जिन संभावित समाधानों पर चर्चा की जाएगी उनमें से एक है अप्रैल से मई तक एक महीने तक ओलंपिक क्वालिफिकेशन की अवधि को बढ़ाना।

अन्य विकल्पों पर विस्तार से चर्चा करते हुए अधिकारी ने आउटलुक इंडिया (Outlook India) को बताया कि, “एशियाई भारोत्तोलकों के लिए यह अंतिम स्वर्ण-स्तरीय ओलंपिक क्वालिफाइंग इवेंट है। इसलिए एक विकल्प ये हो सकता है कि उन्हें अन्य महाद्वीपीय प्रतियोगिताओं जैसे अफ्रीकी चैंपियनशिप और यूरोपीय चैंपियनशिप में भाग लेने की अनुमति दी जा सकती है। ”

अप्रैल में क्रमशः मॉरीशस और रूस में होने वाली अफ्रीकी और यूरोपीय चैंपियनशिप, अब तक दुनिया भर में खेल इवेंट्स के स्थगन या रद्द होने की प्रवृत्ति से अप्रभावित रहने में कामयाब रही है।

भारतीय भारोत्तोलकों के लिए बड़ी समस्या

2020 ओलंपिक में अपनी जगह सुनिश्चित करने के लिए, एक भारोत्तोलक को छह महीने के तीनों पीरियड्स में से कम से कम एक इवेंट में प्रतिस्पर्धा करनी होती है, जो इस ओलंपिक के लिए नवंबर 2018 से अप्रैल 2020 तक मान्य होगी। जहां अब तक एक भारोत्तोलक को कम से कम छह इवेंट्स में भाग लेते हुए, कम से कम एक स्वर्ण और रजत स्तर तक मुकाबले किया होना चाहिए।

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रियो 2016 के क्वालिफायर में मिराबाई चानू से ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी ने 2020 के ओलंपिक में पदक जीतने की उम्मीद जताई थी

वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ की 49 किलोग्राम ओलंपिक क्वालिफायर रैंकिंग सूची में चौथे स्थान पर हैं, मीराबाई चानू 2020 ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने के लिए अच्छे स्थान पर हैं जबकि राखी हलदर और जेरेमी लालरिननुंगा, दोनों वर्तमान में अपने अपने भार श्रेणियों में 20वें स्थान पर हैं, जिनको क्वालिफायर में प्रभावित करना होगा।

इसके अलावा, एक तथ्य ये भी है कि एक ओलंपिक वर्ष के दौरान इस तरह के आयोजनों को स्थगित करने से कुछ भारोत्तोलकों को वो अवसर नहीं मिल पाता, कि वो अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकें।

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