सबसे लंबा बैडमिंटन मैच: वह मुकाबला जिसमें योनाओ और फुकुमन ने जीत दर्ज करने के साथ बनाया अनोखा रिकॉर्ड
इतिहास का सबसे लंबा बैडमिंटन मैच कब खेला गया था और किसने खेला था? यहां मिलेगा आपके इन सभी सवालों का जवाब।
दुनिया में सबसे तेज रैकेट स्पोर्ट्स के रूप में जाना जाने वाला बैडमिंटन मैच आमतौर पर कम समय में खेला जाता है और बेहद रोमांचक होता है।
औसतन एक आधिकारिक पेशेवर बैडमिंटन मैच आधुनिक समय में लगभग 40-50 मिनट तक खेला जाता है। देखा जाए तो ये समय टेनिस की तुलना में बहुत कम है।
हालाँकि बैडमिंटन वो खेल है जिसमें ताकत, दिमाग और धैर्य की एक साथ परीक्षा होती है। क्योंकि एक टेनिस गेंद की तुलना में शटलकॉक मैच में ज्यादा बना रहता है।
इसलिए 40 मिनट का बैडमिंटन मैच खेलना एक टेनिस मैच की तुलना में ज्यादा तेज होता है और थकाने वाला होता है।
लेकिन कुछ ऐसे मैच भी होते हैं जो मैच के सभी मानदंडों को तोड़ देते हैं।
बैडमिंटन इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो ऐसे ही एक मैच का पता चलता है, जिसने ना सिर्फ सबसे अधिक समय लिया बल्कि रोमांच की हदें भी पार कर दी। 2016 बैडमिंटन एशियन चैंपियनशिप में महिलाओं के डबल्स का सेमीफाइनल मुक़ाबला जापान की कुरुमी योनाओ/नाओको फुकुमन और इंडोनेशिया की ग्रीशिया पोली/नित्या कृषिंदा माहेश्वरी के बीच खेला गया।
ये मैच 161 मिनट यानी दो घंटे और 41 मिनट तक चला, जिससे ये अब तक का सबसे लंबा बैडमिंटन मैच बन गया।
तो चलिए 30 अप्रैल, 2016 को चीन के वुहान में खेले गए इस मैराथन बैडमिंटन मैच पर एक नज़र डालते हैं।
बैडमिंटन का अनोखा रिकॉर्ड
एशियन चैंपियनशिप जैसे प्रतिष्ठित कॉन्टिनेंटल इवेंट का सेमीफाइनल होने के नाते इस मुक़ाबले का बहुत महत्व था। विशेष रूप से कुरुमी योनाओ और नाओको फुकुमन के लिए ये मैच बहुत ही महत्वपूर्ण था।
रियो 2016 के शुरू होने में कुछ ही दिन बचे थे और यानाओ-फुकुमन की जोड़ी ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने के लिए चांग ये ना और ली सो हे की दक्षिण कोरियाई जोड़ी को पछाड़ने की कोशिश कर रही थीं।
वुहान में खेले गए एशियन चैंपियनशिप में भाग लेने वाली कोरियाई जोड़ी रियो रैंकिंग में 3431 अंकों के साथ जापानी जोड़ी से आगे थीं। संयोग से चांग ये ना और ली सो हे के के खिलाफ एक और जापानी जोड़ी मिसाकी मत्सुतोमो और अयाका ताकाहाशी दूसरा सेमीफाइनल मुक़ाबला खेलने वाली थीं।
सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले का सीधा सा समीकरण बना। यानाओ और फुकुमान को दूसरे सेमीफाइनल में चांग और ली के खिलाफ कोर्ट में उतरना था। इस मुकाबलें में जीतने से वो फाइनल में पहुंच जाती और उससे भी बड़ी बात ये थी कि वो रियो के लिए क्वालिफाई करने के सफर में आगे बढ़ जातीं।
यानाओ और फुकुमन की जापानी हमवतन मात्सुतोमो और ताकाहाशी ने दक्षिण कोरियाई जोड़ी को हराकर फाइनल में जगह बना ली। अब सारा दारोमदार यानाओ और फुकुमन पर था।
हालांकि, ये काम इतना आसान नहीं होने वाला था।
इंडोनेशियाई जोड़ी ने 2015 में बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक और 2014 में एशियन गेम्स का स्वर्ण पदक जीता था।
ग्रीसिया पोली और नित्या कृषिंदा माहेश्वरी इस चैंपियनशिप में तीसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी थीं, जबकि यानाओ और फुकुमान बिना वरीयता प्राप्त वाली जोड़ी थी।
सबसे लंबा बैडमिंटन मैच
ये मैच उम्मीद के मुताबिक शुरू हुआ, जिसमें ग्रीसिया पोली और नित्या कृषिंदा माहेश्वरी ने आराम से पहला गेम 21-13 से जीतकर 1-0 की बढ़त ले ली।
उम्मीद थी कि दूसरे गेम में कहानी बदलेगी और हुआ भी कुछ ऐसा। यानाओ और फुकुमन की ने हर एक अंक के लिए कांटे की टक्कर दी और मैच में किसी को बेहतर आंकना मुश्किल हो गया। जापानी जोड़ी ने कई लंबी रैली की और कुछ बेहतरीन शॉट्स खेले।
इस कांटे के टक्कर मे जीत जापानी जोड़ी को मिली, जहां उन्होंने दूसरे गेम को 21-19 से जीत कर मुक़ाबले में 1-1 से बराबरी कर ली। अब मैच का नतीजा तीसरे गेम से तय होना था।
तीसरे गेम में दोनों टीम से बेहतरीन बैडमिंटन की उम्मीद की जा रही थी और दोनों टीमों में से किसी ने भी निराश नहीं किया।
खेल के दौरान दोनों टीमें आगे-पीछे होती रहीं, तीसरा गेम एक घंटे से अधिक समय तक चला, जो आमतौर पर औसत बैडमिंटन मैच से अधिक समय था। हालाँकि, जापानी जोड़ी ने निर्णायक गेम को 24-22 से जीत लिया।
आंखों में आंसू लिए फुकुमान ने मैच खत्म होने के बाद कहा, "जापानी टीम हमारे लिए चियर कर रही थी हमारी उत्साह बढ़ा रही थी और हमें लगा रहा था कि हम सब मिलकर लड़ रहे हैं।"
2 घंटे 41 मिनट तक चले इस कांटे की टक्कर को बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) ने इतिहास का सबसे लंबा बैडमिंटन मैच घोषित किया, जो एक रिकॉर्ड है और आज भी कायम है।
हालांकि बीडब्ल्यूएफ के पास सबसे लंबे समय तक चलने वाले मैचों की कोई सूची नहीं है। हाल ही में ये सिर्फ दूसरी बार था जब मैच दो घंटे से ज्यादा समय तक खेला गया हो।
कुछ ऐसा ही एक दूसरे मैच में हुआ था। 1997 के आईबीएफ विश्व चैंपियनशिप के पुरुष सिंगल्स फाइनल में डेनमार्क के पीटर रासमुसेन और चीन के सन जून के बीच दूसरा सबसे लंबा मुक़ाबला खेला गया था। डेनमार्क की जोड़ी ने इस महामुकाबले में 16-17, 18-13, 15-10 के अंतर से चीनी शटलर्स को हराया। ये मैच 124 मिनट यानी दो घंटे और चार मिनट तक खेला गया था।
यानाओ / फुकुमन और पोली / माहेश्वरी के मैच से पहले 1997 के आईबीएफ विश्व चैंपियनशिप के पुरुष सिंगल्स का फाइनल मैच सबसे लंबा मैच माना गया था। लेकिन यानाओ / फुकुमन और पोली / माहेश्वरी ने 37 मिनट से उनके रिकॉर्ड को तोड़ दिया। रासमुसेन बनाम जून, अभी भी बैडमिंटन इतिहास का सबसे लंबा सिंगल्स मैच माना जाता है।
संयोग से 2016 के ही एशियन चैंपियनशिप के क्वार्टर-फाइनल में चीन के लुओ यिंग और लुओ यू के खिलाफ यानाओ और फुकुमन का मुक़ाबला 117 मिनट यानी एक घंटे और 57 मिनट तक चला था, जिसमें जापानी जोड़ी ने जीत हासिल की।
फाइनल मुक़ाबले में जापानी जोड़ी अपने जापानी साथियों और टूर्नामेंट की शीर्ष वरीयता प्राप्त और रियो 2016 की स्वर्ण पदक विजेता मात्सुतोमो और ताकाहाशी से हार गईं। इस तरह वो रियो 2016 ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाईं। नहीं कर पाईं।
हालांकि, यानाओ और फुकुमन ने पोली और नित्या कृषिंदा माहेश्वरी के बैडमिंटन इतिहास का सबसे लंबा मैच खेलकर एक अनोखा कीर्तिमान अपने नाम कर लिया था।