वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में मेडल जीतने के बाद अब लक्ष्य सेन की निगांहें पेरिस 2024 ओलंपिक में मेडल जीतने पर
अपने डेब्यू वर्ल्ड चैंपियनशिप में लक्ष्य सेन ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। उन्हें सेमीफाइनल में हमवतन किदांबी श्रीकांत से हार का सामना करना पड़ा।
स्पेन के हु्यूएलवा में संपन्न हुए वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारतीय शटलर लक्ष्य सेन ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। वह इस टूर्नामेंट के मेंस सिंगल्स इवेंट में मेडल जीतने वाले भारत के सबसे कम उम्र के खिलड़ी बने।
इस टूर्नामेंटमें डेब्यू कर रहे वर्ल्ड रैंकिंग में 19वें नंबर के खिलाड़ी लक्ष्य ने वर्ल्ड रैंकिंग में 17वें नंबर के खिलाड़ी केंटा निशीमोटो और टोक्यो 2020 के सेमीफाइनलिस्ट केविन कोर्डन को हरा कर मेडल अपने नाम किया है।
लक्ष्य ने Olympics.com से बात करते हुए कहा, “अब अगला ओलंपिक तीन वर्ष बाद होने वाला है... मेरा अगला लक्ष्य है ओलंपिक होने तक शीर्ष दस में बने रहने का ताकि मैं क्वालीफाई कर सकूं और ओलंपिक में मेडल जीत सकूं।”
पीठ में चोट लगने के कारण लक्ष्य कई टूर्नामेंट नहीं खेल पाए थे और कोविड-19 के चलते भी कई टूर्नामेंट को स्थागित कर दिया गया था जिसके कारण वह ओलंपिक 2020 के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए थे।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वाले भारतीय युवा खिलाड़ी ने 2020 में सात टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था लेकिन किसी भी टूर्नामेंट में वह राउंड ऑफ 16 से आगे नहीं जा सके थे।
हालांकि, लक्ष्य पिछले तीन महीनों में शानदार फॉर्म में रहे हैं।
उन्होंने आठ अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लिया, डच ओपन में वह उपविजेता रहे जबकि हायलो ओपन, वर्ल्ड टूर फाइनल्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप में वह तीसरे स्थान पर रहे। वर्ल्ड चैंपियशिप में ब्रॉन्ज मेडल उनके करियर का सर्वश्रेठ प्रदर्शन है।
लक्ष्य ने कहा, “इस साल कई बड़े इवेंट्स में खेलने के बाद मैं काफी उत्साहित हूं। मैंने हर टूर्नामेंट में अपना सौ प्रतिशत दिया है जो कि मेरे लिए एक शानदार अनुभव है। वैश्विक महामारी के दौरान मैंने अपनी फिटनेस पर काफी मेहनत की थी लेकिन मुझे लगता है कि मैं अपने खेल को और अच्छा कर सकता हूं।”
यूथ ओलंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट लक्ष्य, 2019 में वर्ल्ड रैंकिंग में 104वें स्थान पर थे जबकि 2021 में वह 19 वें स्थान पर पहुंच गए हैं। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने जूनियर सर्किट को दिया है।
उन्होंने कहा, “मैंने कई सीरीज, चैलेंज और जीपी स्तर का टूर्नामेंट खेला है। मैं 2019 तक जूनियर स्तर पर खेल रहा था। मुझे टूर्नामेंट में अलग-अलग खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला, जिससे मुझे काफी फायदा हुआ।”
वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाले किदांबी श्रीकांत ने भी लक्ष्य की खूब सराहाना की। शनिवार को सेमीफाइनल में श्रीकांत ने लक्ष्य को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी।
श्रीकांत ने कहा, “लक्ष्य बहुत युवा हैं और अपने खेल पर कड़ी मेहनत करते हैं। आज वह जिस मुकाम पर हैं यह देखकर मैं बेहद खुश हूं। उनके पास निश्चित रूप से बहुत कुछ करने की क्षमता है।”
लक्ष्य सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं और उन्हें पता है कि सीनियर स्तर पर मेडल जीतने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
लक्ष्य ने अंत में कहा, “मैं अपने स्ट्रेंथ, स्टेमिना, स्किल्स के साथ-साथ पूरे खेल पर ध्यान दे रहा हूं।”