भाला फेंक विश्व रिकॉर्ड: चेक गणराज्य के एथलीटों का रहा दबदबा

पुरुषों की भाला फेंक प्रतियोगिता में चेक गणराज्य के जान जेलेजनी के नाम विश्व रिकॉर्ड दर्ज है, जबकि महिला वर्ग में उन्हीं की हमवतन एथलीट बारबोरा स्पॉटकोवा का नाम शीर्ष पर है।

7 मिनटद्वारा मनोज तिवारी
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(Getty Images)

भाला फेंक विश्व रिकॉर्ड की बात होने पर चेक गणराज्य के एथलीटों का नाम शीर्ष पर नज़र आता है।

तीन बार के विश्व चैंपियन और ओलंपिक चैंपियन, चेक गणराज्य के दिग्गज एथलीट जान जेलेजनी ने जर्मनी में एक एथलेटिक्स प्रतियोगिता के दौरान 1996 में 98.48 मीटर का थ्रो करके पुरुषों के भाला फेंक का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया था।

जेलेजनी की हमवतन साथी बारबोरा स्पॉटकोवा ने भाला फेंक प्रतियोगिता के महिला वर्ग में विश्व रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया था। उन्होंने स्टटगार्ट में 2008 IAAF विश्व एथलेटिक्स फाइनल में 72.28 मीटर का थ्रो करते हुए महिला भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीता था।

दोनों के इस रिकॉर्ड पर करीब से नजर डालें

जान जेलेजनी (98.48 मीटर) - पुरुष भाला फेंक विश्व रिकॉर्ड

जेलेजनी ने 25 मई, 1996 को जर्मनी के शहर जेना में आयोजित जेना जीस मीटिंग एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भाग लिया था। हालांकि, जान जेलेजनी पहले से ही ओलंपिक चैंपियन होने के साथ-साथ विश्व चैंपियन भी थे।

इसके अलावा तीन साल पहले शेफील्ड में 95.66 मीटर की दूरी दर्ज करते हुए चेक के इस दिग्गज एथलीट ने पहले से ही विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया था।

ऐतिहासिक अर्न्स्ट-एब्ब-स्पोर्टफेल्ड में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता का मैदान इस भाला फेंक एथलीट के लिए बेहतरीन साबित हुआ। कई लोगों को उम्मीद थी कि जेलेजनी अपने स्वयं के विश्व रिकॉर्ड को बेहतर बनाने में कामयाब रहेंगे, लेकिन किसी ने ये नहीं सोचा था कि वह तीन मीटर अधिक दूरी दर्ज करते हुए नया विश्व रिकॉर्ड बनाएंगे।

इस प्रतियोगिता में 6 भाला फेंक एथलीटों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से जर्मनी के रेमंड हेचट और बोरिस हेनरी उस समय जेलेजनी के प्रतिद्वंद्वी माने जाते थे।

चेक के इस दिग्गज ने अपने पहले प्रयास में 87.76 मीटर की दूरी दर्ज की और अपने दूसरे प्रयास में इसे 92.88 मीटर तक पहुंचा दिया। इतिहास बनाने वाला थ्रो उनके तीसरे प्रयास में आया, जहां उन्होंने अपना सबकुछ झोंक दिया। इस दौरान जेलेजनी अपना थ्रो खत्म करने के साथ ही रनवे पर नीचे गिर गए।

स्कोरबोर्ड पर 98.48 मीटर फ्लैश हुआ। ठीक उससे पहले ही स्टेडियम में बैठे हर दर्शक को ये आभास हो गया था कि विश्व रिकॉर्ड टूट गया है।

स्टैंड पर उत्साही प्रशंसकों में जेलेजनी की पत्नी और बच्चे भी शामिल थे, जिनके साथ चेक स्टार ने प्राग के पास अपने गृहनगर से जेना तक लगभग 350 किमी की दूरी तय की थी।

दिलचस्प बात यह है कि जेलेजनी ने उस वर्ष के लिए अपने कैलेंडर में जेना मीट को शामिल भी नहीं किया था, उन्होंने इसे आखिरी वक्त में अपने शेड्यूल में शामिल किया था।

जान जेलेजनी ने बाद में इस यादगार थ्रो के बारे में बताया, “अपने पहले प्रयास में मैंने अपने रन-अप में गड़बड़ी की लेकिन 92 मीटर से अधिक के मेरे दूसरे थ्रो ने मुझे ये एहसास दिलाया कि मैं विश्व रिकॉर्ड बना सकता हूं। विश्व रिकॉर्ड थ्रो तकनीकी रूप से सही नहीं था। हाथ, पैर, कंधा, छोटी-छोटी चीजें थीं जिनमें सुधार किया जा सकता था।"

जेन जेलेजनी का जेना में स्थापित किया गया विश्व रिकॉर्ड 25 साल बाद आज भी कायम है। पोलैंड में कामिला स्कोलिमोव्स्का मेमोरियल में 2020 में जोहान्स वेटर ने 97.76 मीटर की दूरी दर्ज की थी, उस वक्त लगा था कि जेलेजनी का रिकॉर्ड टूट सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

वास्तव में जेलेजनी ने मौजूदा फॉर्मेट में मेंस जैवलिन थ्रो के टॉप 10 थ्रो में से पांच पर कब्जा कर रखा है।

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बारबोरा स्पॉटकोवा (72.28 मीटर) - महिला भाला फेंक विश्व रिकॉर्ड

जेलेजनी की तरह बारबोरा स्पॉटकोवा का विश्व रिकॉर्ड थ्रो भी जर्मनी में आया था।

स्टटगार्ट में 2008 IAAF वर्ल्ड एथलेटिक्स फाइनल से ठीक एक महीने पहले बारबोरा स्पॉटकोवा ने बीजिंग ग्रीष्मकालीन खेलों में अपने दो ओलंपिक स्वर्ण पदकों में से पहला जीता था।

बीजिंग 2008 में चेक स्टार ने 71.42 मीटर की दूरी दर्ज करते हुए स्वर्ण पदक जीता था। इसके साथ ही वह साल 2005 से स्थापित क्यूबा की ओस्लेडिस मेनेंडेज के तत्कालीन महिला जैवलिन थ्रो के वर्ल्ड रिकॉर्ड के करीब आई थीं।

अंततः, स्टटगार्ट में स्पॉटकोवा महिला भाला फेंक का विश्व रिकॉर्ड तोड़ने में सफल रहीं।

IAAF वर्ल्ड एथलेटिक्स फाइनल 2008 में दो बार की डिफेंडिंग चैंपियन, बारबोरा स्पॉटकोवा ने 13 सितंबर, 2008 को मर्सिडीज-बेंज एरिना में थोड़ी नमी वाले दिन पर अपने पहले प्रयास के साथ ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया।

स्पॉटकोवा आगे चलकर तीन बार विश्व चैंपियन बनीं। उन्होंने अपने अगले दो प्रयासों में वैसी सफलता हासिल नहीं की और उन्होंने 58.39 मीटर की दूरी का थ्रो किया। लेकिन इतिहास पहले ही बन चुका था।

स्पॉटकोवा भी विश्व रिकॉर्ड बनाने पर खुद हैरान थीं।

बारबोरा स्पॉटकोवा प्रतियोगिता के बाद कहा, "विश्व रिकॉर्ड, यह अजीब है क्योंकि मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी, यह अविश्वसनीय है। मुझे आज सुबह बहुत अच्छा नहीं लग रहा था।"

दिलचस्प बात यह है कि स्पॉटकोवा ने इवेंट के बाद दिए गए अपने इंटरव्यू के दौरान जेलेजनी का भी उल्लेख किया।

बारबोरा स्पॉटकोवा ने कहा, "जब मैंने यूरोपीय रिकॉर्ड थ्रो किया तो जान जेलेजनी ने मुझे बीजिंग में बुलाया। उन्हें इस बात की खुशी होगी कि दोनों भाला फेंक विश्व रिकॉर्ड चेक गणराज्य के एथलीटों के नाम हैं।"

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सबसे लंबी दूरी का भाला फेंक विश्व रिकॉर्ड

हालांकि, जेलेजनी और स्पॉटकोवा के नाम वर्तमान भाला फेंक रिकॉर्ड है, लेकिन ग़ौरतलब बात यह है कि ये अब तक दर्ज किए गए सबसे लंबे थ्रो नहीं हैं।

पुरुषों के जैवलिन थ्रो के लिए 1986 में शुरू किए गए नियमों और उपकरण में बड़े बदलाव के बाद रिकॉर्ड बुक को रीसेट कर दिया गया था। इसे साल 1991 में फिर से बदल दिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप 1986 से 1991 तक के रिकॉर्ड बुक से कुछ थ्रो को हटा दिया गया था।

इस बीच महिला जैवलिन थ्रो के वर्तमान रिकॉर्ड बुक में इसी तरह के कारणों से साल 1999 के बाद के थ्रो को ही शामिल किया गया है।

इसके पीछे मुख्य कारण साल 1986 में भाला फेंक नियमों में बदलाव था, जिसे पहली बार साल 1986 में पेश किया गया था।

रिकॉर्ड बुक को रीसेट करने से पहले की बात करें तो पुरुष भाला फेंक विश्व रिकॉर्ड जर्मनी के उवे हॉन (उस समय पूर्वी जर्मनी) के नाम था।

टोक्यो 2020 से पहले वर्तमान ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा को कोचिंग देने वाले हॉन ने साल 1984 में बर्लिन मीट में 104.80 मीटर की दूरी दर्ज की थी। आधुनिक भाला फेंक के इतिहास में यह पहली और एकमात्र बार था जब किसी भाला फेंक एथलीट ने 100 मीटर की दूरी दर्ज की थी।

1986 में रिकॉर्ड बुक को रिफ्रेश करने के बाद उवे हॉन के रिकॉर्ड को हटा दिया गया था और इसे अक्सर शाश्वत विश्व रिकॉर्ड के रूप में जाना जाता है।

1984 में हॉन का प्रयास 1986 में नियम परिवर्तन के पीछे कई कारणों में से एक को रेखांकित करता है।

पुरुष भाला फेंक के औसत थ्रो में हर साल इजाफा हो रहा है और कई इवेंट तो बहुत ही खतरनाक होते जा रहे हैं, जिसके चलते अधिकारियों को चिंता थी कि अगर यह जारी रहा, तो यह अंततः दुनिया भर के कई स्थानों पर सुरक्षा के लिए खतरा बन जाएगा।

इसलिए जैवलिन थ्रो को री-डिजाइन किया गया और गुरुत्वाकर्षण के केंद्र को 4 सेमी आगे बढ़ाया गया, जिससे भाला उड़ान के दौरान तेजी से नीचे की ओर आ सके और कम दूरी तय कर सके। अन्य तकनीकी पहलुओं ने भी री-डिजाइन में योगदान दिया।

साल 1999 में रीसेट से पहले महिलाओं का विश्व रिकॉर्ड एक अन्य जर्मन पेट्रा फेल्के के नाम था, जिन्होंने पॉट्सडैम में एक एथलेटिक्स मीट के दौरान 80.0 मीटर की दूरी तक भाला फेंका थ।

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