वो क्रिकेटर जो बन सकते थे ओलंपियन: धोनी सबसे तेज़ धावक और डिविलियर्स एक टेनिस स्टार
क्या आपको पता है कि RCB के एबी डिविलियर्स ने ग्रैंड स्लैम फाइनल खेलने वाले केविन एंडरसन को जूनियर स्तर पर टेनिस में मात दी है और चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी आज भी विकेट के बीच 32kmph की गति से दौड़ते हैं।
पिछले 12 सालों से इंडियन प्रीमिएर लीग (IPL) ने क्रिकेट जगत को बहुत कुछ दिया है। देखते ही देखते यह श्रृंखला क्रिकेट की दुनिया की सबसे बड़ी लीग बन कर उभरी है।।
अपने-अपने कौशल के हिसाब से IPL का हर खिलाड़ी बेहद ख़ास है लेकिन क्या अप जानते हैं कि कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं कि अगर वह क्रिकेटर नहीं होते तो शायद आज वह एक सफल ओलंपियन होते।
हर IPL खिलाड़ी के अंदर एक ख़ास हुनर है।
अपने रचनात्मक या शुरुआती सालों में ऐसे बहुत से खिलाड़ी थे जो ओलंपिक में खेले जाने वाले खेल खेलते थे और अगर वह उसी को जारी रखते तो शायद वह एक उम्दा ओलंपियन भी बन सकते थे।
आज हम बात करेंगे ऐसे ही कुछ IPL खिलाड़ियों की जो IPL ट्रॉफी, ऑरेंज कैप या पर्पल कैप नहीं बल्कि ओलंपिक गेम्स में गोल्ड, सिल्वर या ब्रॉन्ज़ मेडल जीत सकते थे।
एबी डिविलियर्स (टेनिस और गोल्फ)
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलते इस साउथ अफ्रीकन खिलाड़ी ने अपना नाम IPL के उन सर्वश्रेष्ठ 10 खिलाड़ियों में जोड़ लिया, जिन्होंने इस श्रृंखला में सबसे ज़्यादा रन बनाए हैं।
पिछले कई सालों से यह बात चलती आ रही है कि यह खिलाड़ी एक कामयाब क्रिकेटर बनने से पहले अपने देश के लिए हॉकी, फुटबॉल, स्विमिंग, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, टेनिस, रग्बी और गोल्फ खेलता था और इतना ही नहीं डिविलियर्स (AB de Villiers) ने इन सभी खेलों में नेशनल स्तर पर भी शिरकत की है।
मिस्टर 360 कहे जाने वाले एबी डिविलियर्स ने इन ख़बरों के बारे में बात करते हुए एक बार बयान भी दिया था कि वह गोल्फ में बहुत अच्छे थे और राष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले युवा खिलाड़ियों के खेमे में वह रैंक-1 पर भी रह चुके हैं।
इतना ही नहीं बल्कि पूर्व ATP विश्व नंबर 5 और दो बार ग्रैंड स्लैम फाइनल में शिरकत करने वाले केविन एंडरसन (Kevin Anderson) ने इस बात को स्वीकारा कि जूनियर स्तर पर एबी डिविलियर्स ने उन्हें हराया है।
ओलंपियन ने इस विषय पर टिप्पणी देते हुए कहा, “जूनियर सर्किट पर डिविलियर्स को एक अच्छा टेनिस खिलाड़ी माना जाता था। मैं उनसे 2 साल जूनियर था पर ज़्यादातर हम दोनों हमेशा एक दूसरे के खिलाफ ही खेले हैं। मुझे वह समय भी याद है जब उन्होंने मुझे सीधे सेटों से मात दी थी।”
“डिविलियर्स की सबसे ख़ास बात उनके कोर्ट को कवर करने का तरीका था और इसके साथ ही वह बहुत बढ़िया बैकहैंड भी खेलते थे।”हीं
ब्रैंडन मैकुलम (रग्बी)
विस्फोटक बल्लेबाज़ ब्रैंडन मैकुलम (Brendon McCullum) ने कोलकाता नाईट राइडर्स, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, चेन्नई सुपर किंग्स, गुजरात लायंस के लिए मज़ेदार पारिया खेली हैं और अपनी टीम को बहुत बार जीत की दहलीज़ तक पहुंचाया है।
न्यूज़ीलैंड के इस पूर्व कप्तान ने शुरूआती दिनों में क्रिकेट के अलावा भी कुछ खेलों में अपना पसीना बहाया है।
ब्रैंडन मैकुलम रग्बी के एक बहुत बेहतरीन खिलाड़ी थे। वह स्कूल के दिनों में रग्बी को काफी महत्व दिया करते थे। इतना ही नहीं ऑल ब्लैक जिसे न्यूज़ीलैंड की रग्बी टीम के नाम से जाना जाता है, ब्रैंडन मैक्कुलम ने उस टीम के दिग्गज डैन कार्ट (Dan Carter) को साउथ आइलैंड सेकेन्ड्री स्कूल्स रग्बी टीम से बाहर भी रखा था।
ग़ौरतलब है कि डैन कार्टर को अंतरराष्ट्रीय रग्बी खिलाड़ी का ख़िताब तीन बार मिल चुका है और उन्हें इस खेल के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक माना जाता है।
मैकुलम के रग्बी के दिनों की बात करते हुए कार्टर ने कहा, “उस साल वह बहुत उम्दा खेल रहे थे। उसी वजह से मुझे एक अच्छे खासे समय के लिए बेंच पर बैठना पड़ा। वह एक शानदार खिलाड़ी हैं।"
महेंद्र सिंह धोनी (फुटबॉल और स्प्रिन्टिंग)
विस्फोटक बल्लेबाज़, चुस्त विकेटकीपर और चालाक कप्तान की खूबियों में गिने जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की पहली पसंद क्रिकेट नहीं बल्कि फुटबॉल थी। वह बचपन में एक बेहतरीन फुटबॉलर थे और इस खेल से जुड़ी हर बारीकी को सीखना चाहते थे।
इस विश्व कप विजेता कप्तान के कोच केशव बनर्जी (Keshav Banerjee) ने इन्हें पहली बार गोलकीपिंग करते देखा था और वह इतने खुश हो गए थे कि उन्होंने धोनी को विकेटकीपिंग के गुण सिखाने का सोच लिया।
महेंद्र सिंह धोनी ने फुटबॉल तो छोड़ दिया, लेकिन उससे जुड़े लगाव को नही छोड़ पाए। अज भी फुटबॉल के फैन धोनी, इंडियन सुपर लीग (Indian Super League – ISL) की टीम चेन्नईयिन एफसी (Chennaiyin FC) के सह मालिक हैं। ऐसा माना जाता है कि जब भी धोनी को समय मिलता है तो वह अपनी टीम के साथ फुटबॉल खेलने निकल पड़ते हैं।
भारतीय फुटबॉल और चेन्नई एफसी के पूर्व स्ट्राइकर जेजे लालपेखलुआ (Jeje Lalpekhlua) ने इस विषय पर बात करते हुए कहा, “चाहे स्कूल के दिनों में वह गोलकीपर थे लेकिन, जब भी वह खेलते हैं तो उन्हें देख कर पता चलता है कि उनके पैरों के कौशल ने अभी तक उन्हें नहीं छोड़ा। वह काफी अच्छे हैं।
सौरभ गांगुली (फुटबॉल)
भारतीय फुटबॉल का मक्का कहे जाने वाले शहर कोलकाता मे फुटबॉल का खु़मार एक अलग ही चरम पर है। इतना ही नहीं भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली (Sourav Ganguly) भी पहले फुटबॉल के दीवाने थे।
कोलकाता नाईट राइडर्स के पूर्व कप्तान रह चुके ‘प्रिंस ऑफ़ कोलकाता’ एक स्ट्राइकर के रूप में खेलते थे और अपने स्कूल की ओर से उन्होंने बहुत सी स्पर्धाओं में भाग लिया है। इतना ही नहीं दादा के परिवार के लोग भी फुटबॉल क्लब मोहन बागान के बेहद करीब रहे हैं।
गांगुली भी ISL टीम के मालिकों में से एक हैं। ग़ौरतलब है कि ATK (अब ATK मोहन बागान) की टीम के मालिक पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली हैं और यह टीम तीन बार ISL का खिताब जीतने में सफल रही है।
एक तथ्य यह भी है कि 2008 में क्रिकेट से रिटायर हो जाने के बाद चिराग यूनाइटेड (यूनाइटेड SC) ने गांगुली को अपनी टीम के लिए साइन करने की इच्छा भी जताई थी। वह टीम उस समय I-League भी खेल रही थी।
अब जब उसी साल IPL शुरू हो रहा था तो सौरव गांगुली KKR की ओर से कप्तान बन कर खेलते दिखे।
केन विलियमसन (बास्केटबॉल और रग्बी)
5 फुट 6 इंच के खिलाड़ी को किसी भी खेल में देखा जा सकता है लेकिन बास्केटबॉल जैसे खेल में इस कद काठी के खिलाड़ी को देखना ज़रा मुश्किल होता है।
सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाड़ी केन विलियमसन (Kane Williamson) को बास्केटबॉल के खेल से बहुत लगाव है और वह भी स्कूल के दिनों में इस खेल से मुख़ातिब थे।
टौरंगा बॉयज कॉलेज सीनियर बास्केटबॉल टीम में खेलते हुए केन विलियमसन ने साल 2005 में मिड नॉर्थरन जूनियर सेकेंडरी स्कूल प्रतियोगिता में MVP का खिताब भी जीता था।
इतना ही नहीं विलियमसन की माँ सेंड्रा (Sandra)n भी बास्केटबॉल की एक जानी मानी खिलाड़ी हैं।
बास्केटबॉल के अलावा विलियमसन रग्बी में भी काफी रूचि रखते थे और उसकी तकनीकों को सीखने के लिए काफी उत्साहित भी थे। विलियमसन ने रोलर मिल्स (2003-04) ओर से एक सीज़न में भाग लिया है।
एक विकंपन ने केन विलियमसन का रग्बी करियर ख़त्म कर दिया।
बेन स्टोक्स: रग्बी
क्राइस्टचर्च, न्यूज़ीलैंड में जन्में बेन स्टोक्स (Ben Stokes) अपने पिता जिराड स्टोक्स (Gerard Stokes) (पूर्व न्यूज़ीलैंड रग्बी लीग खिलाड़ी) के साथ इंग्लैंड चले गए थे। इसके बाद उनके पिता ने ब्रिटिश रग्बी लीग में वोर्किंगटन में एक कोच की हैसियत से दाखिला ले लिया।
राजस्थान रॉयल्स का यह खिलाड़ी क्रिकेट शुरू करने से पहले या यूं कहें कि इंग्लैंड क्रिकेट टीम को विश्व कप 2019 जितवाने से पहले अपने पिता के नक्षे कदमों पर चल कर जूनियर स्तर पर रग्बी खेलते थे।
बेन स्टोक्स ने अपने शहर कॉकरमाउथ और ब्रौह्टन रेड रोज़ के लिए रग्बी लीग भी खेली है।
14 साल की उम्र तक वह इंग्लैंड में बस चुके थे लेकिन इसके बाद उन्होंने क्रिकेट खेलने का फैसला किया।
जोस बटलर: हॉकी
जोस बटलर (Jos Buttler) फिलहाल रोजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हैं लेकिन अपने युवा दिनों में वह हॉकी में दिलचस्पी लेते थे।
इतना ही नहीं बल्कि उनका ‘रैंप शॉट’ उन्होंने हॉकी खेलते हुए ही सीखा है।
जॉनी बेयरस्टो: फुटबॉल, रग्बी और हॉकी
इस फेहरिस्त में एक और अंग्रेज़ी खलाड़ी शामिल है और उनका नाम है जॉनी बेयरस्टो (Jonny Bairstow) । सनराइजर्स हैदराबाद का यह खिलाड़ी अपने युवा दिनों में एक से अधिक खेलों से जुड़ा हुआ था।
15 साल की उम्र तक बेयरस्टो लीड्स यूनाइटेड यूथ सेटअप के साथ जुड़े हुए थे और अपने खेल के शौंक को पूरा कर रहे थे। एक दिन उन्होंने क्रिकेट की ओर पूर्ण समर्थन देना चाहा और आज उनका दुनिया क्रिकेट का हर प्रशंसक जहै।
इतना ही नहीं यॉर्कशायर स्कूल्स की ओर से जॉनी बेयरस्टो रग्बी खेला करते थे और लीड्स में यूनिवर्सिटी की ओर से हॉकी में पसीना बहाते थे।ानता
क्रिस ग्रीन: टेनिस
कोलकाता नाईट राइडर्स के खेमे से जुड़े ऑस्ट्रेलियाई ऑल राउंडर क्रिस ग्रीन (Chris Green) IPL 2020 खेलने के लिए तैयार हैं। क्रिकेट खेलने से पहले ग्रीन एक उम्दा टेनिस खिलाड़ी थे और 20 साल की उम्र में उन्होंने रैकेट छोड़ गेंद पकड़ने का फैसला किया।
माता पिता वारेन ग्रीन (Warren Green) और लीज़ा गूल्ड ग्रीन (Lisa Gould Green) जाने माने टेनिस खिलाड़ी हैं और वह विंबलडन जैसी प्रतियोगिता में भी भाग ले चुके हैं। इतना ही नहीं उनके छोटे भाई कैमेरोन (Cameron) भी कुछ ही साल पहले टेनिस खिलाड़ी बने हैं।
कुमार संगकारा: टेनिस
श्रीलंकाई खिलाड़ी कुमार संगकारा (Kumara Sangakkara) को आज पूरी दुनिया जानती है, लेकिन कितने लोग यह जानते हैं कि एक क्रिकेटर बनने से पहले वह टेनिस खेलाड़ी थे।
स्कूल के दिनों में कुमार संगकारा ने टेनिस कोर्ट पर राष्ट्रीय स्तर पर बहुत से खिताब अपने नाम किए हैं। ख़बरों की मानें तो वह बैडमिंटन में भी अव्वल थे।
कुमार संगकारा के पिता कशेमा (Kashema) ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके पुत्र के पास बल्ले के कौशल से ज़्यादा अच्छा कौशल रैकेट का है।
कशेमा ने बातचीत के दौरान कहा, “कुमार टेनिस कोर्ट पर अच्छा खेलते थे। एक दिन उनकी बहन सारंगा ने उन्हें खेल में हरा दिया। बस वहीं सब ख़त्म। उस दिन के बाद कुमार संगकारा ने कभी भी टेनिस को वह तवज्ज़ो नहीं दी।
ग़ौरतलब है की सारंगा श्री लंका की महिला टेनिस खिलाड़ी हैं और महज़ 15 साल की उम्र में वह सीनियर नेशनल चैंपियन बन गईं थीं। यह खिताब उनके पास 4 साल तक रहा था।
साल 2008 से 2013 तक कुमार संगकारा किंग्स XI पंजाब, डेकन चार्जर्स और सनराइजर्स हैदराबाद के लिए IPL में शिरकत की है।