ग्राहम रीड और उनकी पत्नी भारतीय हॉकी को दे रहे हैं ऑन और ऑफ फील्ड कोचिंग
जहां ग्राहम रीड फील्ड पर इस्तेमाल होने वाली तकनीक को सिखा रहे हैं वहीं उनकी पत्नी जूलिया रीड खिलाड़ियों की अंग्रेज़ी और उनके संचार पर काम कर रही हैं।
जब भारतीय राष्ट्रीय पुरुष हॉकी टीम में कोच ग्राहम रीड (Graham Reid) का चुनाव किया गया तब कोई यह नहीं जानता था कि वह एक ‘टू-इन-वन’ कोच का चुनाव कर रहे हैं।
ग्राहम रीड की पत्नी जूलिया रीड (Julia Reid) भी भारतीय हॉकी टीम की मदद करती है और यह सभी के लिए लाभदायक है। ग्राहम और जूलिया दोनों को ही घूमना बहुत पसंद है और तो और इन दोनों ने भारतीय हॉकी को उंचाइयों तक पहुंचाने के लिए मानों एक प्रण लिया है।
जहां ग्राहम रीड भारतीय टीम को हॉकी के गुर सिखाते हैं वहीं जूलिया रीड उनको अंग्रेज़ी के पाठ पढ़ाने में जुटी हुई हैं।
ओलंपिक चैनेल से बात करते हुए जूलिया ने कहा “हम ज़्यादातर अपने सेशन मस्ती भरे और हॉकी से जुड़े हुए रखते हैं। उदाहरण के तौर पर, मैं उन्हें एक परिदृश्य देती हूं कि मानों आप ‘मैन ऑफ़ द मैच’ हैं और अपने एक मज़ेदार मुकाबले जीता है तो ऐसे में अब आप उससे जुड़ी हुई स्पीच दें।”
“मैंने यह जाना कि यह सभी अच्छी अंग्रेज़ी बोलते हैं। उन्हें काफी कुछ पता है लेकिन वह शर्माते हैं। उनके साथ यह लेसन लेना अच्छा लगता है, इसमें बहुत आनंद और मज़ा है और इस प्रक्रिया से हम उन्हें और बेहतर जान सकते हैं।”
इतना ही नहीं बल्कि भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों के क्लासरूम सेशन भी होते हैं, उन्हें किताबें भी पढ़ाई जाती हैं और वह ओलंपिक से जुड़ी जानकारी भी हासिल करते हैं। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे स्ट्राइकर मंदीप सिंह (Mandeep Singh) लॉकडाउन के दौरान फॉलो करते पाए हैं।
इस प्रक्रिया को निभाने वाली जूलिया रीड अकेली नहीं थी बल्कि उनका साथ हाईडी सिरेल्लो (Heidi Cirello) ने भी भी बख़ूबी निभाया। ग़ौरतलब है कि हाईडी सिरेल्लो पूर्व भारतीय हॉकी टीम के विश्लेषणात्मक कोच (analytical coach) क्रिस सिरेल्लो (Chris Ciriello) की पत्नी हैं।
हाईडी, विज्ञान और गणित की अध्यापिका हैं और उन्हें टीचिंग का काफी अनुभव भी है। हालांकि जूलिया अब सभ सेशन अकेले लेने पड़ते हैं क्योंकि क्रिस सिरेल्लो ने अपने पद से पिछले ही महीने इस्तीफ़ा दे दिया है।
भारतीय राष्ट्रीय पुरुष हॉकी टीम को एक साथ जोड़ने के कार्य करती जूलिया का काम आसान नहीं है लेकिन इनकी प्रक्रियाओं से सभी खिलाड़ियों को किसी न किसी तरीके से लाभ ज़रूर मिला है।
ग्राहम रीड ने बातचीत के दौरान कहा “मेरे ख्याल से उन्हें मेरे ऑस्ट्रेलियाई उच्चारण को समझने में मदद मिलेगी, जो कि पहले मुश्किल हुआ करता था।”
“यहां तक कि मैं कुछ शब्द बोलता हूं तो मुझे आभास होता है कि यह शब्द या अलफ़ाज़ सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में चलते हैं। उन सभी प्रक्रियाओं की वजह से इन सभी चीज़ों को संभालना आसान हुआ है।”
सबसे मस्कारा विद्यार्थी
जहां अंग्रेज़ी के सेशन मस्ती भरे होते हैं लेकिन कभी कभी वह एक कक्षा के दृश्य को दर्शाते हैं। किसी अच्छी अध्यापिका की तरह ही जूलिया का कोई एक या दो पसंदीदा खिलाड़ी नहीं हैं और उनका लगाव सभी के साथ एक सामान है।
जूलिया ने बातचीत को बढ़ाते हुए कहा “ओह, मैं किसी एक का नाम नहीं ले सकती, वह सभी मेरे छात्र हैं और वह सभी अच्छे हैं। हाँ, यह एक राजनयिक उत्तर है।”
जूलिया रीड ने अपने पसंदीदा छात्र का नाम तो नहीं लिया लेकिन उन्हें उस खिलाड़ी का नाम लेने में बिलकुल हिचक नहीं हुई जो कक्षा में सबसे ज़्यादा मस्ती करते हैं। जूलिया ने पीआर श्रीजेश (PR Sreejesh) का नाम लेते हुए उन्हें एक शरारती छात्र का दर्जा दिया।
उन्होंने हस्ते हुए कहा “मैंने श्रीजेश के बहुत ज़्यादा सेशन नहीं लिए हैं। वह हमेशा इस प्रक्रिया से बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन जब भी वह कक्षा में आते हैं तो वह सबसे ज़्यादा शरारत करते हैं।”
जब भारतीय हॉकी टीम एक महीने के लिए अपने घर गई थी तक इस प्रक्रिया में रुकावट ज़रूरर देखी गई थी लेकिन अब जब पूरी टीम बेंगलुरु में हैं तो वह इन ऑफ फील्ड सेशन के लिए तैयार हो रहे हैं और भविष्य में सभी खिलाड़ी इन सेशन का हिस्सा बनते दिखेंगे।