कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी की वजह से देश में मार्च से लाकडॉउन लगा है। ऐसे में भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) परिसर में लगभग पिछले तीन महीने से थे। फिलहाल भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी अब अपने घर आ गए हैं और कई महीनों बाद अपने परिजनों से मिलकर काफी खुश नजर आ रहे हैं।
वहीं भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह (Manpreet Singh) भी अपने घर पहुंच चुके हैं, और उन्होंने ओलंपिक चैनल से खास बातचीत की और अपने तमाम पहलुओं को साझा किया।
उन्होंने कहा, "मुझे यह बताना काफी मुश्किल है कि मैं घर आकर और घर का खाना खाकर कितना खुश हूं। टीम के साथ कैंपस में काफी लंबा समय गुजरा।"
उन्होंने आगे कहा, "हम सभी ने साथ में काफी एंजॉय किया। मैं यह कह सकता हूं कि हम सभी ने कुछ समय बाद आपस में मिलना शुरू कर दिया था।"
भारतीय हॉकी पुरुष और महिला हॉकी टीमों ने पिछले दो वर्षों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है और दोनों टीमों ने टोक्यो ओलंपिक के लिए अपनी जगह सुनिश्चित कर ली है। बता दें कि कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रकोप से पहले दोनों टीमों को (SAI) परिसर में रखा गया था और उसके बाद में देशव्यापी लॉकडाउन के बाद उन्हें वहीं रोक दिया गया था।
मनप्रीत सिंह की ज़िंदगी में यह पहला मौका था जब वह अपने परिवार से इतने लंबे समय तक दूर रहे। भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत ने कहा, "हम सभी ने शुरुआती कुछ हफ्तों में हम होम वर्कआउट और इनडोर गेम खेलकर एक-दूसरे को प्रेरित कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन में कुछ समय बाद हम सभी ने मिलना शुरु कर दिया।"
मनप्रीत ने (SAI) कैंपस में रहने के दौरान डिफेंडर वरुण कुमार (Varun Kumar) के साथ बंक किया और दोनों ने कई नए और क्रिएटिव तरीके आज़माए। मनप्रीत सिंह ने कहा, "अपने दिमाग में यह विश्वास दिलाने की जरूरत होती है कि हमारे साथ कुछ नया हो रहा है। ऐसा ही कुछ वरुण और मेरे साथ होता है। जहां कभी हमारे बेड और कमरे की सजावट में बदलाव दिखता रहता है।"
"वहीं, इसके अलावा एक बार फिर कोरियर सेवा शुरु होने के बाद हमने अपनी दीवारों पर कुछ मोटिवेशनल पोस्टर लगाए। अब जब मैं इसके बारे में सोचता हूं तो मैं उन छोटी चीजों को ढूँढता हूं, जो हमने मजाकिया तौर पर की थीं, लेकिन जितना अजीब लगता है, उससे हमें मुश्किल दौर में शांत रहने में मदद मिली।"
टोक्यो ओलंपिक में पदक हासिल करना है सपना
बताते चलें कि मनप्रीत सिंह ने 20 साल की उम्र में लंदन ओलंपिक 2012 में भारतीय हॉकी टीम के लिए अपनी शुरुआत की थी, और यह एक सामूहिक सपना था, जो न केवल उन्हें बल्कि उनके पूरे परिवार के लिए गौरव की बात थी। हालांकि इस प्रतियोगिता में टीम का प्रदर्शन खासा अच्छा नहीं था, लेकिन मनप्रीत सिंह के लिए पल-पल एक शानदार अनुभव की तरह था।
27 वर्षीय मनप्रीत ने कहा, "चूंकि यह मेरा पहला मौका था तो इसलिए यह मेरे लिए हमेशा खास रहेगा।" उन्होंने अपने अतीत को याद करते हुए कहा, "मुझे याद है कि जब मैंने खेल के मैदान पर प्रवेश किया तो मुझे गांव के उन दृश्य का नज़ारा दिखने लगा। यहां मुझे कई दिग्गज एथलीटों से मिलने और बहुत करीब से देखने और समझने का मौका मिला, जो मेरे काफी अद्भुत था।"
वहीं अब इसी के साथ वह तीसरे ओलंपिक में प्रवेश करेंगे जो अगले साल टोक्यो ओलंपिक होने वाला है। इस युवा कप्तान को उम्मीद है कि इस बार वह अपने ओलंपिक पदक को हासिल करेगा।