मार्च की शुरुआत में भारतीय मुक्केबाज़ विकास कृष्ण (Vikas Krishan) ने 69 किग्रा भारवर्ग में खेलते हुए टोक्यो गेम्स में अपनी जगह बना ली है। विकास ने लंदन ओलंपिक गेम्स 2012 में अपना डेब्यू किया था। हालांकि वे उस संस्करण के प्री-क्वार्टरफाइनल में ही बाहर हो गए थे।
अब बारी थी रियो गेम्स की और विकास ने इस संस्करण में 75 किग्रा भारवर्ग में क्वालिफाई किया। कारवां अभी उंचाइयों तक जा ही रहा था कि उन्हें बेक्टेमिर रोज़मतजोन (Bektemir Melikuziev) के ख़िलाफ़ शिकस्त झेलनी पड़ी।
यह दिग्गज भारतीय मुक्केबाज़ अब टोक्यो 2020 की तैयारियों में जुटा है जो कि इनके करियर का तीसरा और आखिरी ओलंपिक है। क्योंकि इसके बाद यह मुक्केबाज़ प्रोफेशनल बॉक्सिंग की ओर रुख कर सकता है।
इसी वजह से विकास कृष्ण और नीरज गोयत (Niraj Goyat) का यह आखिरी ओलंपिक माना जा रहा रहा है।
विकास और नीरज की दोस्ती को लगभग 15 साल होने को आए हैं। 2006 में आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट में हुई मुलाकात को इन दोनों मुक्केबाज़ों ने दोस्ती में तब्दील किया और खेल को एक साथ सीखा।
नीरज का मानना था कि विकास 69 किग्रा भारवर्ग में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे जिस वजह से उन्होंने विकास की तकनीकों में भी परिवर्तन किया।
विकास ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा “यह तरकीब नीरज की थी। नीरज ने मुझसे कहा कि तुमने बहुत कोशिश की लेकिन ओलंपिक मेडल जीतने में असफल रहे। उस समय मैं 69 किग्रा को लेकर अनिश्चित था, लेकिन नीरज ने मुझे कहा कि जब भी तुम खुद को चुनौतीपूर्ण स्थिति में डालते हो तो तुम अच्छा करते हो। इसे भी एक चुनौती की तरह लो।’’
भारतीय मुक्केबाज़ों के हाई परफॉरमेंस डायरेक्टर सैन्टियागो नीवा (Santiago Nieva) का मानना था कि विकास एक उम्दा स्तर के खिलाड़ी हैं और पिछले कुछ सालों में हमने उनसे बहुत सी उम्मीदें बांधी हैं।
नीवा ने स्पोर्ट्सस्टार से बात करते हुए कहा “69 किग्रा भारवर्ग उसे सूट करता है क्योंकि उसमे वे अपनी ताकत और स्फूर्ति का मिश्रण कर सकते हैं। यूनाइटेड स्टेट्स में एक प्रो बॉक्सिंग का तजुर्बा हासिल करना उन्हें ओलंपिक गोल्ड के और नज़दीक ले जाता है।”
विकास कृष्ण ने ऐसे लाया बदलाव
75 किग्रा से 69 किग्रा तक का सफ़र आसान नहीं था। माना जाता है कि विकास ने उस समय अपने खाने का रूटीन कुछ ऐसा बनाया जिसे देख उनके पिता उनके लिए चिंता करने लगे और उन्होंने नीरज को जा कर बोला कि विकास को आप 75 किग्रा में ही खेलने दें।
नीरज गोयत ने बताया कि “आप अब उन्हें देखें, वे बेहद खतरनाक हो गए हैं। उनके पास 75 किग्रा की पॉवर और 69 किग्रा की रफ़्तार है।”
कोरोना वायरस (COVID-19) की वजह से टोक्यो गेम्स को साल 2021 में करने का निर्णय लिया गया है। इस बात पर विकास कृष्ण ने कहा “मौजूदा हालात को देख कर मुझे अभ्यास करने का एक साल और मिल गया है और इससे ओलंपिक गेम्स में मुझे फायदा भी होगा।’’