मेरी जगह युवा मुक्केबाजों को है TOPS के समर्थन की जरूरत: मैरी कॉम

मैरी कॉम के अलावा लवलीना बोरगोहेन और पूजा रानी भी टॉप्स के मुख्य समूह में शामिल हैं।

3 मिनटद्वारा रौशन कुमार
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(2014 Getty Images)

भारतीय दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम ने बुधवार को मिशन ओलंपिक सेल से सरकार की **टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (**TOPS) में विस्तार के लिए उनके नाम पर विचार नहीं करने का अनुरोध किया।

आपको बता दें युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा साल 2014 में टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना शुरू की गई थी। हर चार साल में होने वाले ओलंपिक इवेंट में भारत के प्रदर्शन में सुधार करना ही इस योजना का उद्देश्य है।

लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरी कॉम ने ट्वीट करते हुए लिखा, “कई सालों से मुझे हमारी सरकार की ओर से पूरा समर्थन मिल रहा है। लेकिन मुझे लगता है कि अब हमारे युवा एथलीटों को उनके ओलंपिक सपने को पूरा करने के लिए हमें उनकी मदद करनी चाहिए। इसलिए मैंने मिशन ओलंपिक सेल से अनुरोध किया है कि मेरा नाम TOPS की सूची में शामिल नहीं किया जाए।”  

मैरी कॉम, लवलीना बोरगोहेन और पूजा रानी ही ऐसी तीन भारतीय महिला बॉक्सर हैं जो TOPS के मुख्य समूह में शामिल हैं।

इसके अलावा कॉमनवेल्थ गेंम्स 2022 की स्वर्ण पदक विजेता निखहत जरीन, नितू घांघास, अरुणधती चौधरी और जैसमिन लंबोरिया भी इस योजना का हिस्सा हैं।

बता दें TOPS योजना के अंतर्गत भारतीय एथलीटों को शीर्ष सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। एथलीटों को 50,000 के मासिक भत्ता के अलावा ट्रेनिंग के लिए विश्व स्तरीय कोच, खेल के लिए विभिन्न उपकरण, शारीरिक प्रशिक्षक, खेल मनोवैज्ञानिक, फिजियोथेरेपिस्ट जैसी सुविधा प्रदान की जाती है।

छह बार की विश्व चैंपियन मैरी कॉम TOPS की सबसे पहली लाभार्थी रही हैं। 39 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज साल 2014 से 2018 तक लगातकर TOPS की सूची में शामिल रहीं थी। इसके बाद फिर उन्होंने पिछले साल टोक्यो ओलिंपक के दौरान इस सूची में वापसी की थी।

मैरी कॉम दुनिया की एकमात्र महिला मुक्केबाज हैं जिन्होंने अपने करियर में छह विश्व चैंपियनशिप जीती हैं। पांच बार की एशियाई चैंपियन 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज भी थीं।

मैरी कॉम ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में राष्ट्रमंडल खेल 2018 में भी स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन इस साल जून में राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल के दौरान घुटने में चोट लगने के बाद बर्मिंघम में अपने खिताब को डिफेंड नहीं कर सकीं।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर मैरी कॉम ने आखिरी बार टोक्यो ओलंपिक में भाग लिया था, जहां प्री-क्वार्टर में उन्हें 3: 2 के स्प्लिट डिसीजन से कोलंबिया की इंग्रिट वालेंसिया से हार का सामना करना पड़ा था। आपको बता दें टोक्यो 2020 में मैरी कॉम ने अपने आखिरी ओलंपिक में शिरकत की थी।

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