क्या आप जानते हैं भारत का राष्ट्रीय खेल है ही नहीं!
भारत ने भले ही हॉकी में आठ ओलंपिक गोल्ड मेडल, कबड्डी में कई वर्ल्ड कप और क्रिकेट में कई खिताब जीते हों लेकिन भारत के पास ऐसा कोई खेल नहीं है जिसे वह अपना कह सके।
भारत सरकार ने कई तत्वों (एलिमेंट्स) को प्रतीकों के रूप में चुना है जो राष्ट्र की पहचान, विरासत को परिभाषित करते हैं।
उदाहरण के लिए, बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है, मोर राष्ट्रीय पक्षी है और कमल राष्ट्रीय फूल है। यह भारतीयों के लिए बहुत सामान्य ज्ञान है और हम इनसे आसानी से जुड़ सकते हैं।
इसी तरह, जब भारत के राष्ट्रीय खेल के बारे में पूछा गया, तो सभी को लगा कि इसका जवाब हॉकी होगा। इस खेल को भारत में मिली अभूतपूर्व सफलता और सम्मान को देखते हुए ऐसा लगना लाजमी भी है।
Bharat ka rashtriya khel: क्या है?
भारतीय हॉकी टीम ओलंपिक के इतिहास की सबसे सफल टीम है। इस टीम ने आठ गोल्ड, एक सिल्वर और तीन ब्रॉंज मेडल जीते हैं। इस टीम ने साल 1928 से 1956 तक अपना स्वर्णिम दौर देखा, जब उन्होंने लगातार 6 गोल्ड मेडल जीते।
भारत ने दुनिया को कुछ बेहतरीन फील्ड हॉकी खिलाड़ी भी दिए हैं, जिनमें हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद, बलबीर सिंह सीनियर और धनराज पिल्लै शामिल हैं।
हालांकि आम लोगों को ऐसा लगता है लेकिन हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल नहीं है।
इसके बाद आप कबड्डी का पूछेंगे तो इसका जवाब भी नहीं है। हॉकी की तरह भारतीय कबड्डी टीम ने भी दुनिया में अपने देश का नाम रोशन किया है। भारतीय टीम ने अब तक के सभी वर्ल्ड कप इवेंट में जीत हासिल की और एशियन गेम्स में सात स्वर्ण पदक जीते हैं।
और जो लोग वर्तमान में लोकप्रिय क्रिकेट का पक्ष ले रहे हैं, वे भी गलत हैं। अगर फैक्ट के साथ बात करें तो भारत का कोई राष्ट्रीय खेल है ही नहीं।
भारत का कोई राष्ट्रीय खेल क्यों नहीं है?
साल 2020 में, महाराष्ट्र राज्य के धुले जिले के एक स्कूल शिक्षक ने सरकार के साथ आरटीआई (सूचना का अधिकार) दायर की। इसमें वह यह जानना चाहते थे कि हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल कब घोषित किया गया था।
युवा मामलों और खेल मंत्रालय ने इसका जवाब देते हुए कहा कि "सरकार ने किसी भी खेल को देश का राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया है, क्योंकि सरकार का उद्देश्य सभी लोकप्रिय स्पोर्ट्स डिसिप्लिन को बढ़ावा देना है।"
हालांकि टोक्यो 2020 में भारतीय हॉकी टीम के शानदार प्रदर्शन के बाद फैंस इस खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित करने की मांग कर रहे हैं।
टोक्यो ओलंपिक में मेंस टीम ने कांस्य पदक जीता, पिछले 41 सालों में भारत का यह पहला ओलंपिक मेडल था। वहीं दूसरी तरफ वूमेंस टीम मेडल जीतने के बहुत करीब पहुंच गई थी।
एक वकील ने एक जनहित याचिका (PIL) भी दायर की, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से भारत सरकार को हॉकी को राष्ट्रीय खेल बनाने और उसके पूर्व गौरव को वापस लाने में मदद करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया।
हालांकि, इस याचिका को देश की सर्वोच्य अदालत ने खारिज कर दिया था। और जब तक सरकार आधिकारिक तौर पर हॉकी या किसी अन्य खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं कर देती, तब तक भारत का कोई राष्ट्रीय खेल नहीं है।