जानें खेल कैसे इंसान की जिंदगी को बदलने और बेहतर करने का काम करता है
खेल कई लोगों के लिए शारीरिक उपलब्धि है और साथ ही इसमें लोगों को प्रेरित करने की अटूट क्षमता है। ये आपकी सोच से अधिक तरीकों से जीवन को बदलने या यहां तक कि बचाने की ताकत भी रखता है।
पोपोलो मिसेंगा मूल रूप से कांगो डेमोक्रेटिक रिपब्लिक से हैं। पोपोलो मिसेंगा एक शीर्ष जूनियर जुडोका थे। इससे वहीं, पोपोलो और उनके टीम के एक साथी 2013 में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहले टीम होटल से भाग गए थे।
एक रिफ्यूजी जिसे, आखिरकार रियो 2016 के लिए पहली बार Refugee Olympic Team के लिए नामित किया गया। जहां मिसेंगा की कहानी इस बात का उदाहरण है कि खेल कैसे आपकी जिंदगी बदल सकता है या जीवन को कैसे बेहतर कर सकता है, चाहे आप कोई भी हों।
मिसेंगा के अलावा रियो 2016 में उस Refugee Olympic Team के नौ और सदस्य थे। इसके साथ एक दूसरी रिफ्यूजी टीम ओलंपिक गेम्स टोक्यो 2020 में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है।
स्पोर्ट्स में एक अलग प्रकार की शक्ति है, जिससे हमें आगे बढ़ने में प्रेरणा मिलती है। इसके साथ ही इससे हमें और अधिक जानने के साथ ही एक दूसरे के बारे में समझने में मदद मिलती है। वहीं, ये उन रिफ्यूजी कहानियों के साथ-साथ दुनिया भर के अनगिनत अन्य लोगों के जीवन में एक अभिन्न बदलाव ला सकता है।
जिंदगी बचाने वाली एक खेल कहानी
2016 की Refugee Olympic Team के एक सदस्य सीरियाई तैराक रामी अनीस ने कहा, "मेरा जीवन वास्तव में बदल गया है।" "ओलंपिक ने मेरे संकल्प को मजबूत किया है।"
इसके साथ ही 2016 की टीम का ये सदस्य अपने खेल के प्रति काफी सक्रिय है। जहां वो स्थानीय खेल क्लबों, स्कूलों और यहां तक कि रिफ्यूजी शिविरों के दौरे में अपने खेल के प्रति लगन और समर्पण को साझा करने की कोशिश करते हैं।
वहीं, तैराक यूसरा मर्दिनी ने जनवरी 2021 में अपने एक इंटरव्यू में Olympics.com से कहा, "मैं अपनी कहानी बताता हूं क्योंकि मैं चाहता हूं कि लोग समझे कि खेल ने मेरी जिंदगी कैसे बदली।"
साथ ही 22 वर्षीय ने इंस्टाग्राम लाइव चैट में कहा, "खेल हमारे लिए एक रास्ता था।" "यह उस तरह का था, जिसने हमें अपनी एक नई ज़िंदगी जीने की उम्मीद दी।"
'जूडो ने मेरी जिंदगी बदली'
किसी एक व्यक्ति के लिए खेल कितना शक्तिशाली हो सकता है, इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण शायद मिलेगा।
पोपोले मिसेंगा ने कहा, "मैं बहुत खुश था, जब मुझे पता चला कि मुझे Refugee Olympic Team के लिए चुना गया," उन्होंने 2019 में इंटरनेशनल जूडो फेडरेशन से कहा, यह मेरे लिए बहुत मायने रखता था कि जहां अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर दुनिया के सभी शरणार्थियों का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम होना। यह मुझे उन लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाली तातमी पर एक अलग शक्ति देता है, जिन्हें अपना घर और देश छोड़ना पड़ा।
"जूडो ने मेरी ज़िंदगी संवारी है।" - पोपोला मिसेंगा