फ्लैग फुटबॉल: जानें इससे जुड़ी हर ज़रूरी बात

LA28 आयोजन समिति द्वारा ओलंपिक गेम्स 2028 में फ्लैग फुटबॉल को शामिल किए जाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। यहां हम फ्लैग फुटबॉल खेल से जुड़ी हर अहम बातों पर नज़र डाल रहे हैं।

4 मिनटद्वारा Olympics.com
Mexico (white) play USA in the 2022 World Games women's flag football final
(Dustin Massey Studios)

फ्लैग-फुटबॉल उन पांच खेलों की सूची में शामिल है, जिसे LA28 आयोजन समिति द्वारा लॉस एंजिल्स में ओलंपिक खेलों में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा है, जिसका मुंबई में आयोजित सत्र (अक्टूबर) में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति से मंज़ूरी के लिए फ़ैसला आना अभी बाक़ी है।

इस इवेंट का प्रोग्राम और खेलों में एथलीटों के कोटा की संख्या को बाद में अंतिम रूप दिया जाएगा।

फ्लैग फुटबॉल, अमेरिकी फुटबॉल या ग्रिडिरॉन का एक प्रकार है जो पहले कभी ओलंपिक खेलों में प्रदर्शित नहीं हुआ है। इसे अलबामा के बर्मिंघम में आयोजित 2022 वर्ल्ड गेम्स में एक प्रदर्शन खेल के तौर पर शामिल किया गया था, जहां संयुक्त राज्य अमेरिका की पुरुष टीम ने स्वर्ण जीता था और मेक्सिको ने महिलाओं के फाइनल में मेज़बान टीम को शिकस्त दी थी।

सात बार के सुपर बाउल विजेता क्वार्टरबैक टॉम ब्रैडी ने प्राथमिक विद्यालय से लेकर हाई स्कूल के पहले वर्ष तक फ्लैग फुटबॉल खेला है।

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फ्लैग फुटबॉल क्या है और इसे कैसे खेला जाता है?

अमेरिकी फुटबॉल की तरह, फ्लैग फुटबॉल का मक़सद विपक्षी टीम के रक्षात्मक क्षेत्र में आक्रामक खेल के ज़रिए पिच में आगे बढ़ना है।

यह एक संपर्क-रहित खेल है जहां खिलाड़ी एक-दूसरे को 'टैकल' करते हैं जो तीन 'फ्लैग (झंडों)' में से एक को हटाकर बनाया जाता है। आपको बता दें कि 'फ्लैग' कपड़े की बेल्ट के समान होता है, जो बॉल-कैरियर की कमर से जुड़ा होता है, जिसमें दोनों तरफ एक और पीछे की तरफ एक फ्लैग होता है।

खेल टीम की अपनी पांच-यार्ड लाइन पर शुरू होता है, जिसमें सेंटर गेंद को क्वार्टरबैक में वापस भेजता है, जो या तो रिसीवर ढूंढने की कोशिश करने के लिए गेंद को आगे बढ़ाता है, या दौड़ते हुए बैक को गेंद सौंप देता है।

खेल तब ख़त्म हो जाता है जब या तो फ्लैग हट जाता है, बॉल कैरियर (गेंद वाहक) सीमा से बाहर चला जाता है, या फॉरवर्ड पास ज़मीन से टकरा जाता है।

प्रत्येक टीम के पास हाफ लाइन तक पहुंचने के लिए चार प्रयास होते हैं और इन्हें डाउन्स के तौर पर जाना जाता है। सफल होने पर, टीम को एंडज़ोन तक पहुंचने और टचडाउन स्कोर करने के लिए अन्य चार डाउन मिलते हैं। अगर टीम किसी भी डाउन में असफल होती है, तो गेंद विपक्षी टीम को सौंप दी जाती है जो अपनी पांच-यार्ड लाइन से शुरुआत करती है।

मैच में रूकावट की वजह से भी टर्नओवर होता है। यह तब होता है जब एक डिफेंडर रिसीवर के लिए गेंद कब्ज़े में लेने के लिए फम्बल कर (लड़खड़ा) जाता है, जब बॉल-कैरियर गेंद को ड्रॉप करता है और एक डिफेंडर उसे कलेक्ट करता है।

फ्लैग फुटबॉल में, जब अटैकिंग टीम एंडज़ोन से पांच गज या उससे कम दूरी पर हो, तो रनिंग प्ले की अनुमति नहीं होती है।

छह अंकों के टचडाउन के बाद, टीमें रनिंग या पासिंग के ज़रिए अतिरिक्त अंक हासिल करने के लिए प्रयास कर सकती हैं। टीम यह अतिरिक्त अंक किक मारकर अर्जित नहीं कर सकती हैं। टीमों को पांच-यार्ड लाइन से या 10-यार्ड लाइन से दो अतिरिक्त अंक मिलते हैं।

एक फ्लैग फुटबॉल पिच का माप 70 x 30 गज़ (64 मीटर x 27.4 मीटर) होता है और दोनों एंडज़ोन में से प्रत्येक का माप 10 गज़ (9.1 मीटर) होता है।

फ्लैग फुटबॉल खेल कितने समय का होता है?

फ्लैग फुटबॉल मैच में 20 मिनट के दो हाफ होते हैं और प्रत्येक हाफ में दो मिनट का चेतावनी समय इसमें शामिल होता है।

दो मिनट की चेतावनी का समय ख़त्म होने के बाद, हर बार खेल रुकने पर खेल का समय रोक दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर जब बॉल कैरियर (गेंद वाहक) सीमा से बाहर चला जाता है, एक फॉरवर्ड पास ग्राउंड पर चला जाता है या जब कोई टर्नओवर या स्कोर होता है।

अगर खेल के 40 मिनट के बाद स्कोर बराबरी पर रह जाता है, तो स्कोर करने वाली पहली टीम के साथ सडन-डेथ ओवरटाइम शुरू होता है।

फ्लैग फुटबॉल टीम में कितने खिलाड़ी होते हैं?

फ्लैग फुटबॉल मैच में प्रत्येक टीम में 12-खिलाड़ियों की टीम से मैदान पर पांच खिलाड़ी होते हैं। मैदान पर मौजूद खिलाड़ी या तो अटैक या डिफेंस के विशेषज्ञ होते हैं।

फ्लैग फुटबॉल की शुरुआत कहां से हुई?

फ्लैग फुटबॉल की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई जब अमेरिकी सैनिक उस दौरान अपने मनोरंजन के लिए इस खेल को खेला करते थे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भी उन्होंने इस खेल को खेलना जारी रखा और उनकी तरह अन्य लोगों ने भी इस खेल में अपनी रूचि दिखाई। कहा जाता है कि मैरीलैंड के फोर्ट मीडे ने फ्लैग फुटबॉल के पहले गेम्स की मेज़बानी की थी।

युद्ध के बाद 'फ्लैग फुटबॉल' नाम से मशहूर होने से पहले इसे मूल रूप से 'टच एंड टेल फुटबॉल' कहा जाता था।

नेशनल टच फुटबॉल लीग की स्थापना 1960 के दशक में मिसौरी के सेंट लुइस में हुई थी।

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