भारत के अविनाश साबले और तजिंदरपाल सिंह तूर ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता। भारतीय एथलीटों ने रविवार को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के हांगझोऊ में एशियन गेम्स 2023 में आठ ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धाओं में नौ पदक जीते।
अविनाश साबले ने एशियन गेम्स में पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता, इससे पहले तजिंदरपाल सिंह ने अपने आखिरी प्रयास की बदौलत शॉट पुट में अपने खिताब को डिफेंड किया।
वहीं, रिव्यू के बाद ज्योति याराजी का मेडल रजत पदक में अपग्रेड हो गया। इसके अलावा मुरली श्रीशंकर, अजय कुमार सरोज और हरमिलन बैंस ने भी अपनी-अपनी स्पर्धाओं में रजत पदक जीते, जबकि जिन्सन जॉनसन, नंदिनी अगासरा और सीमा पुनिया ने कांस्य पदक हासिल किया।
भारत ने रविवार को एथलेटिक्स में कुल नौ पदक जीते और इसी के साथ एशियन गेम्स 2023 में एथलेटिक्स में भारत के पदकों की कुल संख्या 12 हो गई है, जिसमें दो स्वर्ण, पांच रजत और पांच कांस्य पदक शामिल हैं।
अविनाश साबले ने रविवार को 3000 मीटर स्टीपलचेज को 8:19:53 समय के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। अविनाश ने एशियन गेम्स के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए यह पदक अपने नाम किया। इस रिकॉर्ड को चार साल पहले ईरान के होसैन किहानी द्वारा बनाया गया, जिसे अविनाश साबले ने मात्र तीन सेकेंड के अंतर से अपने नाम कर लिया।
पिछले साल बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में अविनाश साबले ने 8:11.20 के समय के साथ भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाकर रजत पदक जीता था। हालांकि, अफ्रीकी धावकों की अनुपस्थिति में साबले ने अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ से आठ सेकेंड से पीछे होने के बावजूद खुद को एशिया के सर्वश्रेष्ठ एथलीट के रूप में स्थापित किया।
वहीं, रयोमा आओकी (8:23.75) और सेइया सुनदा (8:26.47) ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता।
इस बीच, तजिंदरपाल सिंह तूर ने अपने खिताब को डिफेंड करते हुए स्वर्ण पदक जीता। 21.77 मीटर का एशियाई रिकॉर्ड रखने वाले तजिंदरपाल सिंह तूर ने अपने अंतिम प्रयास में 20.36 मीटर का थ्रो करके अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
ज्योति याराजी का एशियन गेम्स का पदक क्यों अपग्रेड किया गया?
ज्योति याराजी ने 12.91 सेकेंड में अपनी रेस पूरी और शुरुआत में उन्हें महिलाओं की 100 मीटर हर्डल रेस में कांस्य पदक से सम्मानित किया गया था। हालांकि, बाद में उनके मेडल को रजत पदक में अपग्रेड कर दिया गया क्योंकि रिव्यू के बाद पता चला कि चीन की वू यान्नी ने रेस के पहले स्टार्ट में गन की आवाज से पहले ही दौड़ की शुरुआत कर दी थी।
रेस फिर से शुरू हुई और वू यान्नी प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहीं, जबकि ज्योति याराजी तीसरे स्थान पर रहीं। हालांकि, वू यान्नी को बाद में उनके पहले प्रयास में गलत शुरुआत के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
चीन की लिन युवेई ने 12.74 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि जापान की युमी तनाका, जो शुरुआत में चौथे स्थान पर थीं, उन्होंने 13.04 सेकेंड के साथ कांस्य पदक जीता।
भारत के लंबी कूद के खिलाड़ी मुरली श्रीशंकर, जिन्होंने पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों में दूसरा स्थान हासिल किया था, उन्होंने 8.19 मीटर की छलांग के साथ अपने पदक में इजाफा करते हुए रजत पदक जीता।
जेस्विन एल्ड्रिन 8 मीटर का आंकड़ा पार नहीं कर सके और 7.76 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग के साथ आठवें स्थान पर रहे। उन्होंने इस साल की शुरुआत में भारत के लिए 8.42 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था।
इसके अलावा पोडियम पर अन्य दो स्थान चीन ने हासिल किए, जिसमें जियानान वांग (8.22 मीटर) ने स्वर्ण और युहाओ ची (8.10 मीटर) ने कांस्य पदक हासिल किया।
जिन्सन जॉनसन और स्वप्ना बर्मन क्रमशः पुरुषों के 1500 मीटर और महिलाओं के हेप्टाथलॉन में अपने खिताब को डिफेंड नहीं कर सके। जकार्ता 2018 संस्करण से बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद जिन्सन जॉनसन को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। भारत के राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक ने 3:39.74 के समय के साथ कांस्य पदक जीता। चार साल पहले उन्होंने 3:44.72 सेकेंड के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता था।
इसी स्पर्धा में भारत के एशियाई चैंपियन अजय कुमार सरोज ने 3:38.94 के समय के साथ रजत पदक जीता। भारतीय एथलीट को कतर के मोहम्मद अलगार्नी से मामूली अंतर से हार मिली, जिन्होंने 3:38.36 के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता।
स्वप्ना बर्मन को महिलाओं की हेप्टाथलॉन में चीन की निनाली झेंग से शिकस्त मिली। चीनी खिलाड़ी ने सात स्पर्धाओं में 6149 अंक हासिल किए और उनके बाद उज्बेकिस्तान की एकातेरिना वोरोनिना रहीं, जिन्होंने 6056 अंक हासिल किए।
अंडर-20 विश्व चैंपियनशिप की फाइनलिस्ट भारत की नंदिनी अगासरा ने 5712 अंकों के साथ कांस्य जीतकर सीनियर वर्ग में अपना पहला बड़ा पदक हासिल किया। वहीं स्वप्ना बर्मन सिर्फ चार अंकों से पोडियम से चूक गईं।
डिस्कस थ्रोअर सीमा पूनिया ने कांस्य पदक के साथ एशियन गेम्स में अपने पदकों की हैट्रिक पूरी की। 2014 एशियन गेम्स और 2018 संस्करण के विपरीत, 40 वर्षीय सीमा पूनिया 60 मीटर का आंकड़ा पार नहीं कर सकीं और 58.62 मीटर के प्रयास के साथ वह तीसरे स्थान पर रहीं। चीन की बिन फेंग (67.93) ने एशियाई खेलों के रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। झिचाओ जियांग के 61.04 मीटर थ्रो ने उन्हें रजत पदक दिलाया।
लगातार चोटों के बाद इस सीजन की शुरुआत में मैदान पर वापसी करने वाली भारतीय धावक हरमिलन बैंस ने भी 4:12.74 के समय के साथ पोडियम पर अपने कदम रखे। उन्होंने बहरीन की विनफ्रेड यावी से 1.09 सेकेंड पीछे रहते हुए रजत पदक जीता। बहरीन की मार्टा हिरपाटो योटा ने 4:15.97 के साथ कांस्य पदक जीता।