भारतीय स्कीयर Arif Khan का शीतकालीन ओलंपिक खेल बीजिंग 2022 में खेलने का सपना दो स्पर्धाओं के पूरा होने के साथ ही पूरा हो गया है। अपने पहले ओलंपिक में उन्होंने कोई पदक तो नहीं जीता लेकिन भारत में करोड़ों लोगों के बीच में शीतकालीन खेलों को लेकर उत्सुकता जरूर पैदा कर दी।
बीजिंग 2022 में जायंट स्लैलम और स्लैलम स्पर्धाओं में हिस्सा लेने वाले Arif Khan ने काफी प्रभावशाली खेल दिखाया। जायंट स्लैलम में विषम परिस्थितियों में जहां उन्होंने 45वें स्थान पर रहते हुए दोनों रन पूरे किए लेकिन स्लैलम में वह प्रभाव छोड़ने में सफल रहे और अपनी रेस पूरी नहीं कर पाए।
हालांकि Arif Khan के नाम के आगे अब ओलंपियन लग गया है। शीतकालीन ओलंपिक खेलों में उनके अनुभव को लेकर ओलंपिक डॉट कॉम ने जब Arif Khan से पूछा था तो उन्होंने कहा कि वह इस पल का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। Arif Khan ने कहा, “मैं वास्तव में ओलंपिक को बहुत बड़ा फैन रहा हूं। मैं इस पल के लिए काफी लंबे समय से प्रशिक्षण ले रहा था और आखिरकार मैं यहां हूं।”
एक ओलंपियन बने के सपने के पूरे होने पर भारतीय स्कीयर ने कहा, “एक ओलंपियन बनने का जो भी सपना मैं देखता था, वह मैं करीब-करीब सच होता देख सकता हूं। यह साकार हो गया है। तो ओलंपिक में हिस्सा लेना और प्रतिस्पर्धा करना इस सफर का सबसे हिस्सा रहा है।”
बीजिंग 2022 में प्रदर्शन
भारतीय अल्पाइन स्कीयर मोहम्मद आरिफ खान का बुधवार को बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक में सफर समाप्त हो गया। वह अपने दूसरे मेंस स्लैलम इवेंट में आगे बढ़ने में असफल रहे।
मोहम्मद आरिफ खान रविवार को जायंट स्लैलम इवेंट में 45वें स्थान पर थे। हालांकि यानकिंग नेशनल अल्पाइन स्कीइंग सेंटर में स्लैलम इवेंट का अपना पहला रन पूरा करने में विफल रहे।
गौरतलब है कि बीजिंग 2022 में स्कीयर Arif Khan को भारत का ध्वजवाहक बनाया गया था। उन्होंने चार सदस्यों के भारतीय दल की अगुआई की जिसमें वह इकलौते एथलीट थे। स्लैलम और जाएंट स्लैलम में कोटा जीतने वाले Arif सीधे दो अलग-अलग स्पर्धाओं के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय बने। Arif Khan ने 2011 में दक्षिण एशियाई शीतकालीन खेलों में स्लैलम और जाएंट स्लैलम की दोनों स्पर्धाओं में दो स्वर्ण पदक हासिल किए थे।
31 वर्षीय स्कीयर ने नवंबर 2021 में दुबई में आयोजित क्वालीफाइंग प्रतिस्पर्धा में जीत दर्ज कर बीजिंग 2022 के स्लैलम इवेंट में जगह बनाई थी। इससे पहले उन्होंने कई देशों में जाकर अभ्यास किया था।