अभिनव बिंद्रा को प्रतिष्ठित ओलंपिक ऑर्डर से सम्मानित किया गया

द्वारा रौशन कुमार
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India's Abhinav Bindra awarded Olympic Order
फोटो क्रेडिट Reuters

दिग्गज भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को शनिवार को पेरिस में 142वें IOC सत्र में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक परिषद (IOC) द्वारा प्रतिष्ठित ओलंपिक ऑर्डर से सम्मानित किया गया।

1975 में स्थापित ओलंपिक ऑर्डर, IOC द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है, जो ओलंपिक मूवमेंट में अहम योगदान के लिए दिया जाता है।

पांच बार के ओलंपियन 41 वर्षीय बिंद्रा ने कहा, "जब मैं छोटा बच्चा था, तो ये ओलंपिक रिंग ही थीं, जिन्होंने मेरे जीवन को अर्थ दिया। और दो दशकों से अधिक समय तक अपने ओलंपिक सपने को पूरा करने में सक्षम होना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी।"

“अपने एथलेटिक करियर के बाद, ओलंपिक मूवमेंट में कोशिश करना और वापस अपना योगदान देना मेरा एक बड़ा जुनून रहा है। यह एक विशेषाधिकार और सम्मान रहा है।"

"यह पुरस्कार उस जुनून को और अधिक बढ़ावा देता है और मुझे उम्मीद है कि मैं और भी अधिक मेहनत करना जारी रखूंगा और जीवन भर ओलंपिक मूवमेंट में योगदान देता रहूंगा।"

इस उल्लेखनीय उपलब्धि तक बिंद्रा के सफर को मैदान के अंदर और बाहर कई सम्मान और योगदानों के लिए याद किया जाता है।

एक एथलीट के रूप में, अभिनव बिंद्रा बीजिंग 2008 गेम्स में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। उन्हें एयर राइफल शूटिंग में विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय होने का गौरव भी हासिल किया है।

अपने दो दशक लंबे करियर में, बिंद्रा ने 150 से अधिक व्यक्तिगत पदक जीते, और भारत के महान खेल दिग्गजों में से एक के रूप में अपनी खास पहचान बनाई। खेल के प्रति उनकी असाधारण सेवा को तब और मान्यता मिली जब उन्हें 2018 में ब्लू क्रॉस से सम्मानित किया गया, जो अंतरराष्ट्रीय शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन (ISSF) का सर्वोच्च सम्मान है।

खेल में अपनी उपलब्धियों के अलावा, बिंद्रा ने खेल प्रशासन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने आठ वर्षों तक ISSF एथलीट समिति की अध्यक्षता की और वर्तमान में आईओसी एथलीट आयोग और शिक्षा आयोग के सदस्य के रूप में कार्यरत हैं। ये भूमिकाएं उन्हें वैश्विक खेल नीतियों के विकास को प्रभावित करने और दुनिया भर में एथलीटों का समर्थन करने की अनुमति देती हैं।

रिटायरमेंट के बाद, बिंद्रा ने अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन ट्रस्ट (ABFT) की स्थापना की, जो एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन है जो अत्याधुनिक स्पोर्ट साइंस टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारत में जमीनी स्तर के एथलीटों का समर्थन करने के लिए समर्पित है।

हाई-परफॉर्मेंस प्रशिक्षण, शिक्षा और सामाजिक उत्थान पर केंद्रित पहल के माध्यम से, अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन ट्रस्ट का लक्ष्य भारतीय खेल परिदृश्य में वैश्विक सर्वोत्तम को अमल में लाना है, जिससे देश के भविष्य के एथलीटों पर स्थायी प्रभाव सुनिश्चित हो सके।

बिंद्रा के नेतृत्व में एक प्रमुख पहल ओलंपिक वैल्यू एजूकेशन प्रोग्राम (OVEP) है, जिसे अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के ओलंपिक फाउंडेशन फॉर कल्चर एंड हेरिटेज (OFCH) और ओडिशा और असम में राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में लागू किया जा रहा है।

2022 में ओडिशा और 2023 में असम में लॉन्च किए गए, OVEP का लक्ष्य 11,000 से अधिक स्कूलों में उत्कृष्टता, दोस्ती और सम्मान के मूल ओलंपिक मूल्यों को स्थापित करना है, जिससे दस लाख से अधिक स्कूली बच्चे प्रभावित होंगे।

खेल और समग्र विकास की संस्कृति को बढ़ावा देकर, OVEP 2025 तक 13 मिलियन स्कूली बच्चों तक पहुंचने के लक्ष्य के साथ, भारत को मूल्य-आधारित शिक्षा में अग्रणी के रूप में स्थापित कर रहा है।

इसके अतिरिक्त, बिंद्रा की स्थिरता और पर्यावरणीय प्रबंधन के प्रति प्रतिबद्धता ओडिशा रिडले वन परियोजना में है, जिसका उद्देश्य ओडिशा तटरेखा के साथ लुप्तप्राय ओलिव रिडले कछुओं के प्राकृतिक आवास को संरक्षित करना है।

स्थानीय सरकारी एजेंसियों के सहयोग से ABFT द्वारा समर्थित यह परियोजना स्थानीय समुदायों के बीच पर्यावरण शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देते हुए इन कछुओं के संरक्षण पर केंद्रित है।

इन प्रयासों के माध्यम से बिंद्रा और उनका फाउंडेशन न सिर्फ खेल और शिक्षा को आगे बढ़ा रहे हैं बल्कि भारत की प्राकृतिक विरासत के संरक्षण में भी योगदान दे रहे हैं।

यह सम्मान खेल की दुनिया में बिंद्रा की स्थाई विरासत और विश्व स्तर पर ओलंपिक के मूल्यों को बढ़ावा देने के उनके निरंतर प्रयासों को दर्शाता है।

बिंद्रा को शुक्रवार को आईओसी एथलीट आयोग का दूसरा उपाध्यक्ष भी चुना गया। बिंद्रा 2018 से IOC एथलीट कमीशन का हिस्सा हैं।