ओलंपिक में आकर्षण का केंद्र रहे सबसे प्रसिद्ध शुभंकर यानि मैस्कट की कहानियों को जानें

द्वारा रौशन कुमार
5 मिनट|
Miraitowa

ग्रेनोब्ल 1968 में पहली बार खेल के महाकुंभ में प्रशंसकों ने मैस्कट को देखा था और तब से यह ओलंपिक में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। ओलंपिक में सभी रूप और आकार के मैस्कट देखने मिले हैं जो खेल की भावनाओं को भी उजागर करते हैं और इवेंट के दौरान उत्साह और मस्ती की भी पेशकश करते हैं। 14 नवंबर को पेरिस 2024 मैस्कट के लॉन्च से पहले पिछले ओलंपिक खेलों के कुछ सबसे पसंदीदा मैस्कट की कहानियों को जानें।

ओलंपिक के पसंदीदा बेयर (भालू) मैस्कट की कहानी

ओलंपिक में पहला मैस्कट (शुभंकर) बेयर मॉस्को 1980 में पेश किया गया था। जिसका नाम मिशा था और दुनिया भर में यह एक घरेलू नाम बन गया था। मिशा का पूरा नाम "मिखाइल पोटापिच टॉप्टीगिन" था। मिशा इस ओलंपिक में प्रदर्शित होने वाली एकमात्र बेयर मैस्कट (शुभंकर) थी।

कैलगरी 1988 ने दो ध्रुवीय बेयर, हिडी और हाउडी को ओलंपिक शीतकालीन खेलों में कनाडा का झंडा फहराते हुए देखा। इसके बाद एक बार फिर बेयर मैस्कट ने साल्ट लेक सिटी 2002 में वापसी की। इस ओलंपिक में ब्लैक बेयर कोल को कॉपर द कोयोटे और स्नोशू हरे के साथ मैस्कट के रूप में चुना गया था।

सोची 2014 ने एक और बेयर की तिकड़ी का हिस्सा देखा। इस शीतकालीन ओलंपिक में ध्रुवीय बेयर के साथ तेंदुए और हरे (खरहा) भी शामिल थे।

बीजिंग 2022 के मैस्कट बिंग ड्वेन ड्वेन को कौन भूल सकता है। रिपब्लिक ऑफ चीन में हुए दूसरे ओलंपिक आयोजन में बर्फ से ढके पांडा बेयर ने दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था।

मज़ेदार तथ्य: सभी बेयर मैस्कट दुनिया भर में लोकप्रिय रहे हैं। हालांकि उनमें से एक बाहरी दुनिया के अनुभव के लिए भी प्रसिद्ध हुआ। मिशा मैस्कट ने जून 1978 में सैल्यूट 6 अंतरिक्ष स्टेशन पर समय बिताने के लिए सोयुज रॉकेट से अंतरिक्ष की यात्रा की थी।

अन्य प्यारे शुभंकरों ने भी ओलंपिक की भावना को उजागर किया

ओलंपिक में बेयर ही एकमात्र जानवर नहीं थे जो आकर्षण का केंद्र बनें। म्यूनिख 1972 में दछशुंड वाल्डी नाम के एक ओलंपिक मैराथन मार्ग से लोगों का परिचय कराया गया जहां प्रशंसकों ने रंगीन कुत्ते को एक मैस्कट के रूप में देखा।

बीवर ने अमिक (एक शब्द जिसका अर्थ कनाडा की स्वदेशी अमीक भाषा में बीवर है) के साथ मिलकर मॉन्ट्रियल 1976 में सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था और ओलंपिक में खेल के प्रतीक के रूप में उजागर हुआ था।

दो साल बाद लेक प्लासिड 1980 में रोनी द रैकून ने प्रशंसकों को लुभाने का काम किया था। उसके बाद साराजेवो 1984 में आयोजित शीतकालीन ओलंपिक खेलों में वुस्को द वुल्फ ने और लॉस एंजिल्स 1984 में सैम द अमेरिकन ईगल ने सभी का दिल जीता था।

सियोल 1988 में लोगों ने मैस्कट के रूप में बाघ होडोरी को देखा तो वहीं बार्सिलोना 1992 में पाइरेनियन माउंटेन डॉग कोबी आकर्षण का केंद्र बना।

हाल ही में, डक-बिल्ड प्लैटिपस (सिड), कूकाबुरा (ओली) और स्पाइनी एंटीटर (मिली) सिडनी 2000 खेलों के लिए राजदूत बने, जबकि सफ़ेद बाघ सूहोरंग ओलंपिक शीतकालीन खेलों प्योंगचांग 2018 का प्रतीक था।

मज़ेदार तथ्य: बार्सिलोना 1992 के मैस्कट कोबी पर "द कोबी ट्रूप" नामक एक 26-एपिसोड कार्टून सीरीज़ बनी जो 24 विभिन्न टेलीविज़न चैनलों पर प्रसारित हुई।

मानव रूपी मैस्कट

ग्रेनोबल 1968 का मूल ओलंपिक मैस्कट शुस पूरी तरह से मानव रूपी नहीं था और वह स्की करते हुए एक एथलीट के विचार पर आधारित था। शुस को एक ही रात में डिज़ाइनर एलाइन लाफार्ग द्वारा अंतिम-मिनट में डेडलाइन से पहले तैयार किया गाया था।

लिलेहैमर 1994 के ओलंपिक में दुनिया के सामने पहली बार एक सच्चे मानव रूपी मैस्कट को पेश किया गया था। हाकोन और क्रिस्टिन, दो बच्चों ने खेलों का प्रतिनिधित्व किया।

एथेंस 2004 में एक भाई और बहन के रूप में फेवोस (ग्रीक भगवान अपोलो का दूसरा नाम) और एथेना को मैस्कट के तौर पर प्रदर्शित किया गया जो काफी लोकप्रिय रहा। इसमें ओलंपिक के ग्रीक अतीत को आधुनिक खेलों से जोड़ते हुए दर्शाया गया था।

मज़ेदार तथ्य: लिलेहैमर 1994 ओलंपिक में हाकोन और क्रिस्टिन एकमात्र मैस्कट नहीं थे। आयोजकों ने नॉर्वे के क्षेत्रों को "जीवित मैस्कट" के रूप में प्रतिनिधित्व करने के लिए वास्तविक बच्चों के आठ जोड़े भी चुने थे।

ओलंपिक का पिछला शुभंकर

"यह वास्तव में खेलों को दिलचस्प बनाने का एक तरीका है। इसके ज़रिए लोगों को यह संवाद भी मिलता है कि ओलंपिक का आगाज़ जल्द ही होने जा रहा है और मैस्कट के रंगों और नाम की वजह से खेलों के विशिष्ट संस्करण की भावना को भी उजागर करता है। यह वास्तव में खेलों के स्वरूप और खेलों के संस्करण की पहचान को संदर्भित करता है।"
  • 2014 में ओलंपिक मैस्कट के बारे में बात करते हुए ओलंपिक संग्रहालय में शैक्षिक और सांस्कृतिक सेवाओं की प्रमुख ऐनी शेवेली ने कहा।

रोमांचक और अद्भुत

बेशक, कई मैस्कट अपने डिज़ाइनरों की रचनात्मक दिमाग की कल्पना हैं और उनको ऐसे रूप देते हैं जो उन देशों की विशिष्ट विशेषताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनमें खेल हुए थे या फिर नए विकास की ओर अग्रसर हैं।

इंसब्रुक 1976 में श्नीमंडल द स्नोमैन को मैस्कट के रूप में चुना गया था, जबकि एल्बर्टविले 1992 में एक छोटे आकार के मैस्कट को चुना गया था जिसका नाम मैजिक रखा गया।

सूचना प्रौद्योगिकी में प्रगति के विचार के आधार पर चमकीले नीले इज़ी ने अटलांटा 1996 में अपना चमक बिखेरी, जबकि स्नोलेट सुक्की, नोकी, लेक्की और त्सुक्की ने नागानो 1998 में मैस्कट की भूमिका निभाई।

स्नोबॉल नेव और आइस क्यूब ग्लिज़ को ट्यूरिन 2006 के लिए चुना गया था, जबकि पौराणिक जानवर सास्क्वैच (क्वाची) और समुद्री बेयर (मिगा) वैंकूवर 2010 के सितारे थे।

लंदन 2012 के वेनलॉक को कौन भूल सकता है। इस मैस्कट को ओलंपिक स्टेडियम के निर्माण में इस्तेमाल किए गए स्टील से बनाया गया था, तो वहीं रियो 2016 का मैस्कट विनीसियस विभिन्न जानवरों का मिश्रण था जबकि नीले और सफ़ेद मिरिटोवा ने टोक्यो 2020 ओलंपिक में धूम मचाई थी।

मज़ेदार तथ्य: लंदन 2012 के मैस्कट वेनलॉक के सिर पर जो रोशनी लगाई गई थी वह वहां की राजधानी की प्रसिद्ध ब्लैक कैब पर आधारित थी। इस मैस्कट के डिज़ाइन ने 100 से अधिक सबमिशन को पीछे छोड़ा था जिसमें एक चाय का बर्तन और हाथ व पैर के साथ एक बिग बेन आकृति शामिल थी।

ओलंपिक के मैस्कट के बारे में अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक Olympic.com के मैस्कट पेज पर जाएं

फोटो क्रेडिट IOC/Chris Furlong