जोहरे का जन्म ईरान के एक शहर अराक में हुआ था। जब वह 18 वर्ष की थी तब उन्होंने सिडनी 2000 के ओलंपिक गेम्स में शूटिंग इवेंट देखा था और उस इवेंट में एक ईरानी महिला एथलीट को देख कर वह प्रेरित हो गई थी। फिर उन्होंने खुद से कहा कि वह दुनिया को दिखाना चाहती है कि एक ईरानी महिला न केवल ओलंपिक गेम्स में हिस्सा ले सकती है बल्कि वह पदक जीतने की भी क्षमता रखती है। और अगले ही दिन वह एक शूटिंग क्लब में दाखिल हो गईं।
इसके बाद उन्होंने काफी तेजी से इस गेम में आगे बढ़ी और राष्ट्रीय टीम के साथ अभ्यास करने के लिए तेहरान चली गईं। इसके बाद उन्होंने प्रमुख प्रतियोगिताओं में भाग लिया और कुछ अनुभवी एथलीटों के खिलाफ अच्छे परिणाम भी हासिल किया।
फिर उन्हें एक ऐसे जगह की तलाश थी जो सुरक्षित भी हो और वह वहां अभ्यास भी कर सकें। जिसके बाद उन्होंने सब कुछ छोड़ कर अपनी बेटी के साथ तुर्की जाने का निर्णय लिया।
जोहरे के पास कंप्यूटर डिप्लोमा और कोचिंग सर्टिफिकेट है। वह मनोविज्ञान का अध्ययन करना पसंद करती हैं, लेकिन फिलहाल वह बचपन के सपने को पूरा करने के लिए जितना हो सके अभ्यास कर रही हैं और पेरिस 2024 के लिए तैयारी कर रही हैं।
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