36 वर्षीय ब्राज़ीलियाई सर्फर सिल्वाना लीमा (जन्म 1984) को अगर एक शब्द में परिभाषित करना हो तो लचीला शब्द सबसे बेहतर रहेगा।
पाराकुरु, सेरा में समुद्र के किनारे पर एक लकड़ी के घर में बड़े होते हुए ब्राज़ील की लीमा का पहला सर्फ बोर्ड लकड़ी का एक टुकड़ा था। लहरों पर अपने इस काम चलाऊ बोर्ड को बाहर निकालने के लिए उन्होंने उसमें अंदर एक छेद करके पिन फिन (लेग होल्डर) बनाया हुआ था। लीमा को 14 साल की उम्र तक अपना पहला सही सर्फ़बोर्ड नहीं मिला और जब मिला भी तो वह दूसरे के द्वारा इस्तेमाल किया हुआ (सेकंड-हैंड) था।
सर्फिंग रैंक देने वाली राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा लेते हुए, वर्ल्ड सर्फ लीग (WSL) और चैंपियनशिप टूर (CT) पर लीमा का ऑन-एंड-ऑफ करियर 2006 में शुरू हुआ। अगले पांच वर्षों में इस ब्राजीलियाई ने अपनी गंभीरता से सभी को प्रभावित किया और 2007 में वह तीसरे स्थान पर रहीं। उससे पहले 2008 और 2009 में वह दो बार उपविजेता रहीं।
घुटने की लिगामेंट चोटों ने 2012 में लीमा को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया। 2013 में उन्होंने इंजरी वाइल्डकार्ड हासिल करते हुए फिर से प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, लेकिन उनके दर्द ने उन्हें इस टूर से पूरी तरह से बाहर कर दिया। जहां कई लोगों ने कहा कि यह उनका बुरा समय है, वहीं ब्राजील की इस सर्फर ने आगे बढ़ते रहना जारी रखा। उसने 2014 की क्वालीफाइंग सीरीज़ (QS) जीती, जिससे उन्हें सर्फिंग के शीर्ष वर्ग में वापस लौटने में सफलता मिली। लेकिन साल के अंत तक वह कुछ भी बेहतर करने में असफल रहीं और अंक हासिल न कर पाने की वजह से उन्हें फिर से सीटी से दूर होना पड़ा।
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