सैयद का जन्म ईरान के पहाड़ों के बीच एक छोटे से गांव चोर्र में हुआ था। उन्होंने 16 साल की उम्र में दौड़ना शुरू किया था। पांच लोगों के परिवार में वह दूसरा बच्चा था। उनके पिता एक किसान हैं और वह अपने पिता की मदद करते थे और अपने गांव और मुख्य शहर मेरिवन (लगभग 20 किमी) के बीच की दूरी तय कर अपना अभ्यास पूरा करते थे।
जब वह 18 वर्ष के थे तब वह तेहरान में राष्ट्रीय टीम में शामिल हुए और वहीं विश्वविद्यालय में उन्होंने फिजिकल एजुकेशन की पढ़ाई की।
साल 2019 में सुरक्षा की तलाश उनके पास सब कुछ पीछे छोड़ने के अलावा और कोई चारा नहीं था। फिर वह ईरान से यूके पहुंच गए जहां उन्होंने अपने आप को सुरक्षित पाया। अब वह अपनी पत्नी के साथ लंदन में रहते हैं। वह फिलहाल अपनी अंग्रेजी में सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं और अपनी डिग्री पूरी करने के लिए वह फिर से विश्वविद्यालय जाने की उम्मीद कर रहे हैं।
सयैद सप्ताह में कम से कम सात बार अभ्यास करते हैं जिसमें कई बार वह एथलेटिक्स क्लब हाईगेट हैरियर्स के साथ भी अभ्यास करते हैं। इस कल्ब को वह अपना परिवार मानते हैं।
वह स्कॉलरशिप को एक नए अवसर की तरह मानते हैं जहां वह फिर से अपने नए जीवन की शुरुआत कर सकते हैं।
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