मुना डाहौक 2019 में नीदरलैंड में अपनी मां के साथ रहने के लिए सीरिया से भाग गई थीं।
उन्होंने दमिश्क में जूडो का अभ्यास शुरू किया था, जब वो सिर्फ छह साल की थीं, वो अपनी बहन के साथ अभ्यास करती थीं, जो अभी भी जूडो में प्रतिस्पर्धा करती हैं। उनके पिता एक जूडो के शिक्षक थे।
उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अब -63 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करती हैं। खेल में करियर बनाने के अलावा उन्होंने शारीरिक शिक्षा की भी पढ़ाई की है।
साल 2019 बुडापेस्ट ग्रैंड प्रिक्स में उन्हें IJF रिफ्यूजी टीम में शामिल किया गया था, और उन्होंने 2020 में पेरिस ग्रैंड स्लैम और डसेलडोर्फ ग्रैंड स्लैम में भाग लिया था।
उन्होंने टोक्यो 2020 के लिए आईओसी रिफ्यूजी ओलंपिक टीम के रूप में मिश्रित टीम और -63 किग्रा इवेंट में भाग लिया था।
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