फरीद अफगानिस्तान में पले बढ़े और पाकिस्तान में अकेले रहे। फिलहाल अब वह अपने परिवार से अलग होने के बाद 2012 में पुर्तगाल पहुंचे। इसके अलावा ईरान और तुर्की में भी अकेले कई साल बातिए। उन्होंने तुर्की में 10 साल की उम्र में ताइक्वांडो और कुंग फू शुरू किया और उन्होंने बताया कि कैसे इसने न केवल उन्हें अपने अतीत से लड़ने में मदद की, बल्कि कई बार उन्हें उन लोगों से भी बचाया जो उन्हें नुकसान पहुंचाना चाहते थे।
जब वे पुर्तगाल पहुंचे, तो उन्होंने बॉक्सिंग शुरू की और बहुत जल्दी उसमें उन्होंने सफलता हासिल की। उन्होंने -57 किग्रा वर्ग के लिए 2013 पुर्तगाली राष्ट्रीय चैंपियन का खिताब हासिल किया और उसके बाद पुर्तगाली संसद ने उन्हें मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया। वह अब अपने कोच पाउलो सेको की देखरेख में बहुत गहन प्रशिक्षण पर ध्यान दे रहे हैं, जो लिस्बन में सबसे छोटे मुक्केबाजी क्लबों में से एक है।
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