एलेन थॉम्पसन-हेराह ने रियो 2016 में बड़ी सफलता हासिल की। यह सुनिश्चित करने के बाद कि ओलंपिक महिलाओं की 100 मीटर का खिताब जमैका के हाथों में बना रहे। हमवतन शेली-एन फ्रेजर-प्राइस को स्प्रिंट क्वीन के रूप में सफल बनाने के बाद तत्कालीन 24 वर्षीय एथलीट ने 200 मीटर रेस जीती। इसके बाद वह सियोल 1988 में स्वर्गीय फ्लोरेंस ग्रिफ़िथ-जॉयनर के बाद ओलंपिक स्प्रिंट डबल पूरा करने वाली पहली महिला बनीं। उल्लेखनीय रूप से उनकी दो बड़ी जीत में से एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में नए जमैका स्टार की पहली जीत थी। लेकिन उनके रिकॉर्ड तोड़ने वाले कारनामे अभी खत्म नहीं हुए । 2017-2019 में चोटिल होने के बाद भी थॉम्पसन-हेराह ने टोक्यो 2020 में 10.61 के एक नए ओलंपिक रिकॉर्ड में अपना 100 मीटर खिताब बरकरार रखा। वहीं 21.53 के एक नए व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ में अपने 200 मीटर खिताब का बचाव करते हुए अपने देश की 4x100 मीटर रिले टीम को स्वर्ण दिलाने में मदद की।
जमैका के अधिक वंचित हिस्सों में से एक, मैनचेस्टर पैरिश के बनाना ग्राउंड की रहने वाली ऐलेन थॉम्पसन-हेराह अपनी दादी ग्लोरिया की देखरेख में जब वह केवल सात महीने की थीं तब आईं। हालांकि उनका परिवार हमेशा कहता था कि वह "दौड़ने के लिए पैदा हुई थी", थॉम्पसन-हेराह अपने स्कूल में सबसे अच्छी रनर होने से बहुत दूर थी और 2009 में जमैका बॉयज़ एंड गर्ल्स चैंपियनशिप में केवल 100 मीटर रेस में चौथे स्थान पर रहीं। दो साल बाद उन्हें स्कूल की ट्रैक एंड फील्ड टीम से हटा दिया गया। उसके बाद वह एथलेटिक्स कोच स्टीफन फ्रांसिस से मिलीं, जो एमवीपी ट्रैक क्लब के संस्थापक और शेली-एन फ्रेजर प्राइस के सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले शख्स हैं। किंग्स्टन में प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति प्राप्त करने के बाद थॉम्पसन-हेराह ने स्प्रिंटर बनने की तैयारी शुरू कर दिया, उनके परिवार को हमेशा विश्वास था कि वह स्प्रिंटर बन सकती हैं।
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