तीन बार कॉमनवेल्थ मेडल जीत चुके और 4 बार नेशनल चैंपियन बन चुके चेतन आनंद भारतीय बैडमिंटन के एक चमकते सितारे हैं।
8 जुलाई 1980, विजयवाड़ा में जन्मे चेतन आनंद के पिता हर्षवर्धन ने उन्हें इस खेल से अवगत कराया था और उसके बाद इतिहास ने अपने आप में ही गवाही दी है।
बचपन में चेतन को बैडमिंटन और क्रिकेट दोनों में दिलचस्पी थी और वह ऑल-राउंडर भी बनना चाहते थे। एक समय पर बैडमिंटन कोच भास्कर बाबू ने इस 9 साल के खिलाड़ी को एक प्रतियोगिता में खेलते हुए देखा और उन्होंने इनका कौशल पहचानते हुए बढ़ावा दिया।
इस निर्णय ने करियर बना दिया।
शुरूआती दौर में चेतन के लिए डबल्स में सफलता आने लग गई। उन्होंने अंडर-12 इवेंट को इस युवा खिलाड़ी ने अपने नाम भी किया था और यह कीर्तिमान डबल्स में दिखाते हुए ख़ुद को स्थापित किया था। इतना ही नहीं बल्कि 10 साल की उम्र में वह जूनियर नेशनल में रनर अप भी रहे थे।
कम उम्र में ही अच्छे तज़ुर्बे के साथ चेतन ने आगे चल कर U-15 नेशनल डबल्स खिताब भी अपने नाम किया लेकिन सिंगल में अभी भी अव्वल आना बाकी था। आखिरकार 1998 में यह सूखा भी हटा और चेतन ने नेशनल जूनियर सिंगल्स टाइटल जीत कर अपने करियर में चार चांद लगा दिए।
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