टोक्यो में जन्मी और पली-बढ़ी अओरी निशिमुरा ने अपनी बड़ी बहन कोटोन के नक्शेकदम पर चलते हुए सिर्फ सात साल की उम्र में स्केटबोर्डिंग शुरू कर दी थी, कोटोन, जो की पेशेवर रूप से स्केट भी करती है। इस युवा प्रतिभा ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों से काफी कुछ सीखा और इन सबसे प्रेरित होकर खेल को असाधारण रूप से अच्छी तरह से अपनाया। पांचवीं कक्षा तक वह पहले ही अपनी राष्ट्रीय प्रतियोगिता जीत चुकी थी, 15 साल की उम्र में उन्होंने अपने दूसरे एक्स-गेम्स (2017) में स्वर्ण पदक जीता था।
काफी कुछ सीखते हुए निशिमुरा का करियर आसमान छूने लगा था। लेकिन वह उस समय काफी परेशान हुईं जिस वक्त एक चोट की वजह से उन्हे सबकुछ गिरता हुआ दिखाई देने लगा। उनके बाएं क्रूसिएट लिगामेंट में जबरदस्त चोट की वजह से और अपने भविष्य को देखते हुए उन्हें आठ महीनों के लिए खेल से बाहर बैठना पड़ा।
घुटने की सर्जरी के बाद इस 19 साल की युवा खिलाड़ी ने जुलाई 2018 में मिनियापोलिस एक-गेम्स में स्केट बोर्ड पर लौटने का फैसला किया। अगर इस खेल में शामिल होने से पहले ये दिखाई देता कि निशिमुरा इसके लिए अनफिट हैं तो हो सकता है उन्हे तुरंत बैठा दिया जाता, लेकिन हिम्मत और हौसलों के साथ निशिमुरा ने खेल के इस सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में दूसरा स्थान हासिल किया।
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